karnataka hijab row : भारत में कहीं भी हिजाब पर बैन नहीं, फिर इसे हक बता क्यों मचा है हंगामा ?

सोमवार 14 फरवरी से 1-10 तक स्कूल खुलने वाले हैं और सरकार चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोल रही है और विवाद के बीच प्रदेश में माहौल शांतिपूर्ण बनाने के लिए उडुपी में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2022 9:18 PM

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब पूरे देश में फैल चुका है. आज महाराष्ट्र के मालेगांव में हजारों की संख्या में हिजाब और बुर्का पहनी महिलाओं ने अपने हक लिए आवाज बुलंद की. इनका कहना है कि इन्हें हिजाब पहनकर स्कूल-काॅलेज आने की अनुमति होनी चाहिए. मुस्लिम महिलाएं आवाज बुलंद करके कह रही हैं कि हिजाब उनका हक है. इसी हक को पाने के लिए महिलाएं कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंची हैं

धार्मिक चीज पहनकर स्कूल-काॅलेज आने पर रोक

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह आदेश दिया कि इस मसले पर सोमवार 14 फरवरी को सुनवाई होगी. उससे पहले तक कोई भी धार्मिक चीज पहनकर स्कूल-काॅलेज आने पर रोक लगायी गयी है.

14 फरवरी से खुल रहे स्कूल

चूंकि सोमवार 14 फरवरी से 1-10 तक स्कूल खुलने वाले हैं और सरकार चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोल रही है और विवाद के बीच प्रदेश में माहौल शांतिपूर्ण बनाने के लिए उडुपी में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.

शुरू हो गयी राजनीति

हिजाब का मामला शुरुआत में स्कूल यूनिफाॅर्म से जुड़ा था, लेकिन अब यह मामला राजनीतिक हो गया है. संवैधानिक अधिकारों की बात हो रही है. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बैंक के हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं.

क्या है हिजाब

हिजाब मुस्लिम महिलाएं सिर पर पहनती हैं, जिससे उनका बाल और गला पूरी तरह ढंका होता है, जबकि बुर्का सिर से पैर तक तक ढंकने के लिए होता है. इस्लाम में महिलाओं के लिए पर्दा अनिवार्य बताया गया है ताकि वे अपनी खूबसूरती को बचाकर रख सकें.

भारत में कहीं भी नहीं है हिजाब पर बैन

देश में आज मुस्लिम महिलाएं हिजाब को अपना हक बताकर इसके लिए आवाज बुलंद कर रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि देश में कहीं भी हिजाब पर ना तो प्रतिबंध है और ना ही किसी को इसे पहनने के लिए बाध्य किया जाता.

ईरान में महिलाओं ने हिजाब उताकर की थी आजादी की घोषणा

ईरान में जब धर्म की रक्षा के लिए महिलाओं को हिजाब पहनना जरूरी घोषित किया गया था, तो ईरानी महिलाओं ने हिजाब का विरोध करने के लिए लाखों की संख्या में विरोध किया था और हवा में हिजाब उड़ाकर प्रदर्शन किया था.

आखिर क्या है विवाद

कर्नाटक सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दिया. इस एक्ट में यह प्रावधान है कि स्कूल में बच्चों को एक जैसा यूनिफॉर्म पहनना होगा. इसके लिए निजी स्कूलों को यह छूट दी गयी है कि वे अपने हिसाब से यूनिफाॅर्म चुन लें. साथ ही सरकारी स्कूलों में भी यूनिफाॅर्म लागू होगा. विवाद की शुरुआत तब हुई जब उडुपी के एक सरकारी काॅलेज में छह छात्राओं ने हिजाब पहनकर काॅलेज में प्रवेश किया और उसके बाद यह ट्रेंड सभी काॅलेजों में शुरू हो गया. कुछ काॅलेजों में हिजाब का विरोध करने के लिए कुछ छात्र-छात्राएं भगवा शाॅल ओढ़कर काॅलेज आने लगे, जिसके बाद विवाद बढ़ता गया.

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