Loading election data...

कर्नाटक में हनुमान ध्वज हटाने पर नहीं थम रहा बवाल, सीटी रवि बोले- कांग्रेस लगाना चाहती है तालिबानी झंडा

बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) की अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सुबह जय श्री राम के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या जिला मुख्यालय में भगवा झंडे लेकर उपायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला.

By ArbindKumar Mishra | January 29, 2024 6:44 PM
an image

कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. केरागोडु में अधिकारियों द्वारा 108 फुट ऊंचे ध्वज स्तंभ पर फहराए गए भगवान हनुमान की छवि वाले भगवा झंडे को हटाने को लेकर हुआ विवाद सोमवार को गहरा गया. ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जारी रखा और ध्वज को एक बार फिर फहराने की मांग की. इधर इस मामले को लेकर बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस के बीच भी जुबानी जंग जारी है. बीजेपी ने कांग्रेस पर तालीबानी झंडा फहराने का आरोप लगाया.

मांड्या में स्थिति तनावपूर्ण

केरागोडु गांव में हनुमान ध्वज को हटाए जाने के बाद जोरदार विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद स्थिति तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है. पुलिस ने रविवार को भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया था. पुलिस एवं प्रशासन ने हनुमान ध्वज उतारकर उसकी जगह तिरंगा फहरा दिया.


Also Read: कर्नाटक में गिर जाएगी कांग्रेस की सरकार! जानें किसने किया ये दावा

बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) ने विरोध मार्च निकाला

बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) की अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सुबह जय श्री राम के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या जिला मुख्यालय में भगवा झंडे लेकर उपायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला. उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मार्च में भाग लेने वालों में भाजपा नेता सी टी रवि और प्रीतम गौड़ा भी शामिल थे.

बीजेपी नेता सीटी रवि ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप

कर्नाटक बीजेपी नेता सीटी रवि ने विरोध मार्च के दौरान मीडिया के साथ बातचीत में कहा, कांग्रेस हनुमान झंडा हटाकर तालिबान का झंडा लगाना चाहती है. हम हनुमान झंडा लगाएंगे. तालिबान के झंडे का समय बीत चुका है.

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बीजेपी और जेडीएस पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को विपक्षी भाजपा और जद(एस) पर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झंडा हटाने के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि अनुमति केवल राष्ट्रीय और कन्नड़ ध्वज फहराने के लिए ली गई थी.

Exit mobile version