कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है. लेकिन अब नये मुख्यमंत्री को लेकर पेंच फंस गया है. प्रदेश अध्यक्ष डीके शिकुमार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. शिवकुमार के समर्थन में राज्य के संत समाज के लोग और प्रभावशाली गुरु उतर गये हैं. कुछ ने शिवकुमार को वफादार और समझदार बता दिया है, तो कुछ ने शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार बता दिया है. कुछ संत समाज के लोगों ने शिवकुमार को लोकप्रिय बता दिया है.
शिवकुमार ने अपनी मजबूत दावेदारी की, बताया सिंगल मैन
शिकुमार ने आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली रवाने होने से पहले उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वह सिंगल मैन दावेदार हैं. उन्होंने अपने जन्मदिन पर मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं सिंगल मैन हूं. मेरे नेतृत्व में कांग्रेस ने 135 सीटें जीती. उन्होंने कहा, इस बात पर यकीन रखता हूं कि सिंगल मैन साहस के साथ मेजॉरिटी बन जाता है. उन्होंने कहा, अपने समर्थन में संख्या बल पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. पिछले 5 वर्षों में क्या हुआ, मैं इसका खुलासा नहीं करना चाहता. जब हमारी गठबंधन सरकार गिर गई और कई विधायक चले गए, तो मैंने हिम्मत नहीं हारी.
कर्नाटक चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद शिवकुमार पहुंचे थे मंदिर
कर्नाटक चुनाव में धमाकेदार जीत के बाद शिवकुमार ने कई मंदिरों के दौरे किये और भगवान का आर्शीवाद लिया. लिंगायत हरिहर मठ के संतों के अलावा, शिवकुमार को वोक्कालिगा समुदाय के मुख्य मठ के प्रमुख पुजारी द्वारा समर्थन दिया गया है. आदिचुनचुनगिरी मठ के प्रमुख निर्मलानंद स्वामी ने शिवकुमार को केपीसीसी प्रमुख के रूप में उनकी कड़ी मेहनत के कारण सीएम बनाने का आह्वान किया.
शिवकुमार के समर्थन में पोस्टर वार शुरू
कर्नाटक में नये मुख्यमंत्री को लेकर जंग तेज हो गयी है. प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग को लेकर उनके समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. दूसरी ओर से राज्य में पोस्टर भी लगाये जा रहे हैं. उनके समर्थकों ने विधायक दल की बैठक से पहले जमकर नारेबाजी की.
कर्नाटक में अगले मुख्यमंत्री पर फैसला खरगे लेंगे
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया में से किसी एक को चुनने का फैसला हाईकमान लेगा. रविवार को विधायकों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री का नाम लेने के लिए अधिकृत करने का फैसला किया और इस पद के एक अन्य शीर्ष दावेदार सिद्धारमैया पहले ही दिल्ली पहुंच गए. दोनों नेताओं ने आलाकमान के सामने अपनी अर्जी डाल दी है.