कर्नाटक में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए चर्च-मिशनरियों का सर्वे अच्छा कदम नहीं: आर्चबिशप पीटर मचाडो
Forced Conversions बेंगलुरु के आर्चबिशप पीटर मचाडो ने कहा कि कर्नाटक में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए चर्चों और ईसाई मिशनरियों का सर्वे एक अच्छा कदम नहीं है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्चबिशप पीटर मचाडो ने कहा कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए चर्चों और ईसाई मिशनरियों का सर्वे आवश्यक नहीं है.
Forced Conversions बेंगलुरु के आर्चबिशप पीटर मचाडो ने रविवार को कहा कि कर्नाटक में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए चर्चों और ईसाई मिशनरियों का सर्वे एक अच्छा कदम नहीं है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्चबिशप पीटर मचाडो ने कहा कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए चर्चों और ईसाई मिशनरियों का सर्वे आवश्यक नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूं. अगर कुछ छोटी घटनाएं होती हैं, तो सरकार को निश्चित रूप से कार्रवाई करनी चाहिए.
बता दें कि पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्क कल्याण की विधायी समिति ने कर्नाटक के चर्चों का सर्वे कराने को कहा है. इस संबंध में विभिन्न सरकारी एजेंसियों और डेप्युटी कमिश्नर्स को निर्देश दिए जा चुके हैं. इसके पीछे अवैध चर्चों को खत्म करना और जबरन धर्मांतरण पर नजर रखना वजह बताया जा रहा है. होसदुर्ग से बीजेपी विधायक गुलिहत्ती शेखर समिति की बैठक की अध्यक्षता की. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य उनके गृह जिले चित्रदुर्ग के अलावा कर्नाटक के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है.
Karnataka| This (survey of churches, Christian missionaries to check forced conversions) is not a good move. It is not necessary. I'm against forceful religion conversions. If there're some small incidents, govt should surely take action: Peter Machado, Archbishop, Bengaluru pic.twitter.com/b8FpEGDGk6
— ANI (@ANI) October 17, 2021
बीजेपी विधायक ने कहा कि ओबीसी, अल्पसंख्यक मामलों, गृह, राजस्व और विधि विभाग के प्रतिनिधियों ने बैठक में कहा कि कर्नाटक में करीब 1,790 चर्च हैं. कमिटी ने उनसे पता लगाने को कहा है कि इनमें से कितने अवैध रूप से स्थापित किए गए हैं. विधायक गुलिहत्ती शेखर ने कहा कि गृह विभाग के हिसाब से राज्य भर में जबरिया धर्मांतरण के 36 मामले दर्ज किए गए हैं.
वहीं, कर्नाटक में एक विधायी समिति की ओर से सरकार को चर्चों के कामकाज और मिशनरियों की गतिविधियों पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिये जाने को लेकर वहां ईसाई समुदाय के बीच नाराजगी है. मीडिया रिपोर्ट में एक धार्मिक गुरु के हवाले से बताया गया है कि बीजेपी सरकार इस समुदाय को निशाना बना रही है.
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