Loading election data...

Karnataka Elections: बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल जगदीश शेट्टार की करारी हार, महेश तेंगिंकाई ने हराया

हुबली-धारवाड़-मध्य निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के महेश तेंगिंकाई ने कांग्रेस के जगदीश शेट्टार को 34,289 मतों के अंतर से हराया. शेट्टार ने बीजेपी से इस्तीफा देखकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था.

By ArbindKumar Mishra | May 13, 2023 6:59 PM

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की धमाकेदार जीत हुई है और भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. 224 में से कांग्रेस ने 136 सीटें जीतकर इतिहास रच डाला है. जबकि बीजेपी 64 सीटों पर सिमट गयी है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए जगदीश शेट्टार को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें बीजेपी नेता महेश तेंगिंकाई ने हराया.

हुबली-धरवाड़ मध्य से शेट्टार की करार हार

हुबली-धारवाड़-मध्य निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के महेश तेंगिंकाई ने कांग्रेस के जगदीश शेट्टार को 34,289 मतों के अंतर से हराया. शेट्टार ने बीजेपी से इस्तीफा देखकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था.

टिकट नहीं मिलने से शेट्टार ने बीजेपी का साथ छोड़ा

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए थे और बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. शेट्टार ने इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें हुबली-धारवाड़-मध्य से चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन वहां से उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. शेट्टार के साथ-साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने भाजपा का साथ छोड़ दिया था और कांग्रेस में शामिल हुए.

Also Read: प्रदेश कांग्रेस ने मनाया कर्नाटक चुनाव में जीत का जश्न, छाएं रहे बजरंबली

बीजेपी ने पहले ही शेट्टार की हार का कर दिया था दावा

बीजेपी ने जगदीश शेट्टार की हार का पहले ही दावा कर दिया था. पार्टी ने इन बातों को खारिज कर दिया कि भाजपा शेट्टार और सावदी को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है. इस बात से भी इंकार किया दोनों नेताओं की हार सुनिश्चित करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है.

कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद शेट्टर के दफ्तर में लगी हैं मोदी और शाह की तस्वीरें

शेट्टार ने भले ही बीजेपी से अपना नाता तोड़ लिया है और कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. लेकिन उनका दिल अब भी बीजेपी के लिए धकड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके दफ्तर में अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर लगी है. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था, उन्हें सम्मानजनक विदाई का अवसर देना चाहिए था. शेट्टर ने कहा कि उन्हें भाजपा ने इसलिए भी टिकट नहीं दिया क्योंकि इस तरह की आशंका थी कि वह पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बाद लिंगायतों में नंबर एक के नेता हो सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version