‘Namaz’ in Classroom : कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में ‘हिजाब’ को लेकर उठे विवाद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि सोशल मीडिया पर दो वीडियो और सामने आ गये हैं. इस वीडियो की बात करें तो इसमें दक्षिण कन्नड़ और बागलकोट जिलों में कुछ छात्र सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार के दिन कथित तौर पर ‘नमाज’ अदा करते नजर आ रहे हैं.
दक्षिण कन्नड़ जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूल में कथित तौर पर नमाज अदा करने वाले छात्रों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि यह घटना चार फरवरी को हुई थी और लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी. शिकायत के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचे. वहां के शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने छात्रों को कक्षा में धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है.
मामले को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सी लोकेश ने कहा कि विभाग ने अपने अधिकारियों से स्कूल का दौरा करने और घटना पर तुरंत एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है. बाद में, लोकेश ने कहा कि स्कूल अधिकारियों, छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच एक बैठक हुई जिसके बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया. बैठक में शामिल हुए बीईओ ने कहा कि माता-पिता ने वादा किया है कि उनके बच्चों द्वारा स्कूल परिसर के अंदर इस तरह की गतिविधियों को दोहराया नहीं जाएगा.
Also Read: Karnataka Hijab Row: हिजाब विवाद नहीं साजिश, बोले केरल के राज्यपाल, छात्रों से कहा- क्लास में लौटें
दूसरी घटना में बागलकोट जिले के एक स्कूल में कम से कम छह छात्र नमाज अदा करते दिखाई दिए. इस पर कुछ अभिभावकों ने आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि स्कूल के अधिकारियों ने इसे स्कूल परिसर में होने दिया. स्कूल प्रधानाचार्य ने इलकल में मामले की जानकारी देते हुए कहा कि छात्रों को परिसर में कोई नमाज अदा नहीं करने का निर्देश दिया गया है. स्कूल में 232 छात्र हैं. दोपहर के भोजन के समय चार छात्रों, यानी छठी कक्षा की चार लड़कियों ने मेरी या किसी शिक्षक की जानकारी के बिना नमाज अदा की. इसलिए, आज हमने उनसे कहा कि वे नमाज (स्कूल में) अदा न करें और यदि आप चाहते हैं तो आप इसे घर पर करें.
चौबीस जनवरी को कोलार के मुलबागल कस्बे के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्रों द्वारा की गई नमाज से इलाके में तनाव पैदा हो गया था. नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद यह विवाद की वजह बन गया था. हिजाब विवाद फिलहाल कर्नाटक उच्च न्यायालय में है जिसने निर्णय होने तक शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पोशाक पहनकर न आने को कहा है.
भाषा इनपुट के साथ