कर्नाटक में मंदिर ढहाने पर विवाद: मैसूर के डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस

Karnataka Temple Demolished Case कर्नाटक के मैसूर जिले में मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस और जेडीएस ने भाजपा पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2021 10:50 PM

Karnataka Temple Demolished Case कर्नाटक के मैसूर जिले में मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया ने इसकी निंदा करते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस और जेडीएस ने भाजपा पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai ) ने मंगलवार को इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मंदिर को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस बारे विवरण सदन में रखा जाएगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मैसूरु के नंजनगुड स्थित मंदिर पर कार्रवाई की गई. जिसको लेकर अब सूबे में राजनीति गरमा गई है. वहीं, मंदिर को क्षति पहुंचाने के मुद्दे पर भाजपा बुरी तरह से घिरी हुई नजर आ रही है. बता दें कि इस वक्त विधानसभा की कार्यवाही भी चल रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर विपक्ष ने भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मंदिर को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस बारे विवरण सदन में रखा जाएगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मैसूरु के नंजनगुड स्थित मंदिर पर कार्रवाई की गई. जिसको लेकर अब सूबे में राजनीति गरमा गई है. वहीं, मंदिर को क्षति पहुंचाने के मुद्दे पर भाजपा बुरी तरह से घिरी हुई नजर आ रही है. बता दें कि इस वक्त विधानसभा की कार्यवाही भी चल रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर विपक्ष ने भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है.

बताया जा रहा है कि इसी साल एक जुलाई को राज्य के मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा था कि कर्नाटक में सार्वजनिक जगहों पर 6,395 ऐसी धार्मिक संरचनाएं हैं, जो अवैध रूप से बनीं हैं. पत्र में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जिला प्रशासन और नगर निगमों को हर सप्ताह कम से कम 1 अवैध निर्माण को तोड़ना होगा. पिछले बारह सालों में तकरीबन 2887 धार्मिक जगहों को या तो हटा दिया गया या फिर उन्हें दूसरी जगह बनाया गया.

वहीं, नंजनगोडू में 8 सितंबर को जिस महादेवअम्मा मंदिर पर बुल्डोजर चला उसके बारे में प्रशासन का कहना है कि मंदिर का ये ढांचा 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं है. जबकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये ग्राम देवता का मंदिर है. आस पास के गांव के लोगों के लिए ये आस्था का केंद्र था और ये मंदिर 80 साल पुराना है. कुछ साल पहले इसका जीर्णोद्धार किया गया और ये मंदिर अवैध निर्माण ढांचे की लिस्ट में था. गांव वालों को इसका अंदाजा भी नहीं था. गांव वालों का आरोप है कि बिना पूर्व सूचना के सुबह सुबह प्रशासन ने मंदिर पर बुल्डोजर चलवा दिया. अब इस पूरे मामले के सामने आने के बाद भाजपा बैकफुट पर है.

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