बेंगलुरु : कर्नाटक में अभी हाल ही में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनाव (यूएलबी) में कांग्रेस भाजपा को पछाड़कर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. शहरी स्थानीय निकाय के लिए 1184 सीटों पर हुए मतदान में कांग्रेस ने 501 सीटों पर कब्जा जमाकर जीत का परचम लहराया है, जबकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 433 सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि, इस चुनाव में जेडीएस को केवल 45 सीटों से संतोष करना पड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में 20 जिलों के 58 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए हुए चुनावों में विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को पटखनी दे दी. इन चुनावों के परिणाम गुरुवार को घोषित किए गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि इन चुनावों में कुल 1184 वार्ड के लिए मतदान कराए गए थे, जिनमें से कांग्रेस ने 501 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, सत्ताधारी भाजपा को 433 सीटें ही मिलीं, जबकि जेडीएस को इसमें 45 सीटों पर संतोष करना पड़ा.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कर्नाटक के अन्य शहरी स्थानीय निकाय की 205 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार और क्षेत्रीय छोटी पार्टियों के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी निकाय चुनाव में कांग्रेस को नगरपालिका परिषद में सबसे अधिक सीटों मिली हैं. नगर पालिका परिषद के 441 वार्डों में से कांग्रेस को 201, भाजपा को 176 और जेडीएस को 21 सीटें मिली हैं.
इस चुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने नतीजों के आने के बाद राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा है कि यह परिणाम कांग्रेस की लोकप्रियता को दिखाता है. शिवकुमार ने ट्वीट किया है कि हाल के समय में चुनाव परिणाम राज्य में कांग्रेस की लहर का इशारा करते हैं.
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अपने ट्वीट में शिवकुमार ने आगे लिखा है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम इसकी पुष्टि करते हैं. निस्संदेह कांग्रेस 2023 विधानसभा चुनाव जीतेगी. मैं अपने वोटरों को उनके भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. बता दें कि यह परिणाम 2023 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण है.