कश्मीर के पुलवामा की छात्रा डिजिटल आर्ट्स के जरिए ग्लोबल लेवल पर लहरा रही पचरम, जानें कैसे?

अस्मा ने कहा कि मैंने मैट्रिक तक की शिक्षा स्थानीय स्कूल से हासिल की है. बचपन से ही मुझे कला में बहुत रुचि थी. मेरे स्कूल में जो कुछ भी दिया जाता था, उसे मैं चित्रित करती थी. कभी-कभी हमारे शिक्षक हमें अपनी पसंद की तस्वीर बनाने के लिए कहा करते थे.

By KumarVishwat Sen | December 23, 2022 12:00 PM
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पंपोर : विद्या और कला की कोई सीमा नहीं है और इसके किसी दायरे में बांधा नहीं जा सकता. कलाकार सारी हदों को पार करके अपनी कला को प्रदर्शित कर ही देते हैं. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 12वीं कक्षा की छात्रा अस्मा मीर डिजिटल आर्ट्स के जरिए ग्लोवल लेवल पर अपना परचम लहरा रही है.

सोशल मीडिया पर इलस्ट्रेशन पेज चलाती है अस्मा

समाचार एजेंसी एएनआई की एक खबर के अनुसार, पुलवामा में 12वीं की छात्रा अस्मा मीर सोशल मीडिया पर ‘इलस्ट्रेशन’ के नाम से एक पेज चलाकर डिजिटल आर्ट्स को आगे बढ़ाना शुरू किया. मीडिया से बातचीत के दौरान अस्मा मीर ने कहा कि वह डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न चीजों और रेखाचित्रों को डिजिटल फॉर्म में ढालने के लिए करती है.

बचपन से ही बनाती थी तस्वीर

अस्मा ने कहा कि मैंने मैट्रिक तक की शिक्षा स्थानीय स्कूल से हासिल की है. बचपन से ही मुझे कला में बहुत रुचि थी. मेरे स्कूल में जो कुछ भी दिया जाता था, उसे मैं चित्रित करती थी. कभी-कभी हमारे शिक्षक हमें अपनी पसंद की तस्वीर बनाने के लिए कहा करते थे. अस्मा पहले अपने काम के माध्यम से दुनिया भर में प्रशंसा पाई और अब यह उसके लिए जीविकोपार्जन का साधन भी बन गया है.

शुरू से पेंसिल से बनाया स्केच

अस्मा ने आगे कहा कि शुरू में मैं पेंसिल से स्केच बनाया करती थी. बाद में मैं वाटर कलर के इस्तेमाल से तस्वीरें बनाने लगी. कुछ साल पहले मुझे इस पेशे के बारे में बहुत कुछ जानकारियां मिलीं. मैंने अपने माता-पिता द्वारा मेरे लिए खरीदे गए फोन की मदद से तस्वीर बनाना शुरू किया. मैंने यूट्यूब के जरिए आर्ट्स के ट्यूटोरियल भी देखे.

पहले पिता का नहीं मिला साथ

अस्मा ने कहा कि पहले तो मेरे माता-पिता ने मेरा समर्थन नहीं किया. मुझे अपनी पढ़ाई में मन लगाने पर जोर दिया, लेकिन जब मुझे मेरे काम की दुनियाभर में पहचान मिलने लगी, तो वे अपने फैसले बदलने पर मजबूर हुए. इसके बाद उन्होंने मुझे एक आईपैड लाकर दिया और इसके बाद तो जरूरत के हर सामान लाने लगे.

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अस्मा का जुनून देख किया समर्थन : पिता

अस्मा के पिता रियाज अहमद मीर ने मीडिया को बताया कि मैंने देखा कि अस्मा के पास विशेष प्रतिभा है. मैंने उसके जुनून को समझते हुए उसका समर्थन किया. मैंने उसे अपनी योजनाओं को जारी रखने के लिए कहा. उसने डिजिटल आर्ट को चुना. मैंने पहले तो उसे समझाया कि वह इसे अपना पेशा बनाने के लिए समय बर्बाद कर रही है, लेकिन अस्मा ने अपनी कला को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू किया, तो उसे कई देशों में ग्राहकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे प्रसिद्धि मिली.

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