कश्मीरी पंडितों पर बोले गुलाम नबी आजाद, धर्म-जाति पर चौबीसों घंटे विभाजन पैदा कर सकते हैं सियासी दल
Kashmiri Pandits कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी पंडितों और मुस्लिमों के मुद्दों पर बड़ी बात कही है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीतिक दल धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर चौबीसों घंटे विभाजन पैदा कर सकते हैं.
Kashmiri Pandits Issue कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में एक कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी पंडितों और मुस्लिमों के मुद्दों पर बड़ी बात कही है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीतिक दल धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर चौबीसों घंटे विभाजन पैदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी को माफ नहीं कर रहा हूं. अपनी भी पार्टी को नहीं. कांग्रेस नेता ने कहा कि नागरिक और समाज को साथ रहना चाहिए और जाति एवं धर्म के बावजूद सभी को न्याय दिया जाना चाहिए.
महात्मा गांधी सबसे बड़े हिंदू और धर्मनिरपेक्षतावादी
गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि मेरा मानना है कि महात्मा गांधी सबसे बड़े हिंदू और धर्मनिरपेक्षतावादी थे. कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हुआ उसके लिए पाकिस्तान और आतंकवाद जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद ने सभी हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी मुसलमानों, डोगराओं को प्रभावित किया है.
#WATCH …Political parties may create a divide 24×7 on basis of religion, caste & other things; I'm not forgiving any party incl mine…Civil society should stay together. Justice must be given to everyone irrespective of caste, religion: Ghulam N Azad, Cong at an event in Jammu pic.twitter.com/2OCo76ny4x
— ANI (@ANI) March 20, 2022
सिविल सोसायटी का काम दिशा है, लेकिन…
बता दें कि इन दिनों जम्मू-कश्मीर में जनवरी 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई क्रूरता पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) की चर्चा जोरों पर है. निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फिल्म को पूरे देश में काफी सराहना मिल रही है. गुलाम नबी आजाद भी इसी परिप्रेक्ष्य में बोल रहे थे. गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में कहा कि सिविल सोसायटी का काम दिशा है, लेकिन हम प्यार से रहकर भी तो वही कर सकते हैं. आचार्य कृपलानी और मिसेज कृपलानी दिन में अलग पार्टीज के खिलाफ काम करते थे मगर रात को खाना देता तो मिसेज कृपलानी का ही काम था. क्या हम ये आज नहीं कर सकते कि विचार हम अपनी-अपनी पार्टी को दे दें मगर शादी-ब्याह, मरने-जीने में हम इकट्ठे हों? एक-दूसरे के घर आएं-जाएं?
देश भर में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बहस जारी
फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files Film) के रिलीज होने के बाद से कश्मीरी पंडितों के 1990 में हुए पलायन पर देश भर में बहस जारी है. कांग्रेस और बीजेपी समेत देश के अन्य सियासी दलों के बीच कश्मीरी पंडितों के मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने तत्कालीन निर्वाचित मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को हटाने और जगमोहन की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिन्हें कांग्रेस पूरी तरह से पलायन के लिए दोषी ठहराती है, क्योंकि उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद गृह मंत्री थे, जिनके साथ 2015-16 में कश्मीर में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. वहीं, बीजेपी का कहना है कि 1987 के विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोपों के बाद 1989 में विद्रोह शुरू हुआ और जेकेएलएफ ने केपी को निशाना बनाना शुरू कर दिया.