मीडिया पर बरसे केसी वेणुगोपाल, कहा- टीवी प्रोग्राम में नहीं भेजेंगे अपने प्रतिनिधि
'इंडिया' गठबंधन देश के कुछ टीवी एंकर के कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे के फैसले पर अड़ी है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस मामले में कहा है कि मीडिया लोकतंत्र की रक्षक है, लेकिन कई एंकर केंद्र सरकार के लिए प्रायोजित पत्रकारिता करने लगे हैं.
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि मीडिया लोकतंत्र की रक्षक है. मीडिया की भूमिका सरकार की गलतियों को सुधारना है. इसी तरह, मीडिया विपक्ष को अपने विचार व्यक्त करने के लिए समर्थन देता था. लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ मीडिया सरकार का समर्थन कर रहे हैं और विपक्ष का चेहरा खराब करने में लगे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए प्रायोजित पत्रकारिता है, इसीलिए इंडिया गठबंधन ने यह फैसला लिया है. गौरतलब है कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I-N-D-I-A) के घटक दलों ने बीते दिन यानी गुरुवार को फैसला किया था कि वे देश के कुछ टीवी एंकर के कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे.
#WATCH | Congress General Secretary KC Venugopal said, "Media is the protector of democracy…The role of the media is to correct the mistakes of the government. Similarly, the media used to support the opposition to express their views. But unfortunately, some people in the… pic.twitter.com/hptowdi4KB
— ANI (@ANI) September 15, 2023
नफरत फैलाने वाले पत्रकारों को समर्थन नहीं देना मकसद- गौरव गोगोई
इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि कई टीवी समाचार एंकरों के बहिष्कार की इंडिया गठबंधन के फैसले के पीछे कांग्रेस पार्टी का मकसद उन कुछ पत्रकारों को समर्थन नहीं देना है जो बीजेपी मीडिया सेल के व्हाट्सएप ग्रुप में हैं और नफरत फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि देश में नफरत फैलाना कानून के अनुसार एक अपराध है.
#WATCH | On INDIA alliance's announcement to boycott several TV news anchors, Congress MP Gaurav Gogoi says, "The motive of Congress party behind this decision is to not extend support to some journalists who are in the WhatsApp group of the BJP Media cell and spread hatred in… pic.twitter.com/yio5wsKa6Y
— ANI (@ANI) September 15, 2023
‘इंडिया’ ने 14 एंकरों की सूची जारी की
यह फैसला गठबंधन ‘इंडिया’ (I-N-D-I-A) की मीडिया से संबंधित समिति की बैठक में किया गया. इस बारे में विपक्षी गठबंधन इंडिया की मीडिया समिति ने कहा कि 13 सितंबर 2023 को अपनी बैठक में ‘इंडिया’ समन्वय समिति की ओर से लिए गए फैसले के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के दल 14 एंकर के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे. विपक्षी दलों ने 14 एंकर की एक सूची भी जारी की है.
सजाई जाती है नफरत की दुकान- पवन खेड़ा
इस कड़ी में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा है कि हर दिन शाम पांच बजे से कुछ चैनलों नफरत की दुकानें सजा देते हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन, हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे. हमारा उद्देश्य‘नफरत मुक्त भारत’ बनाना है. उन्होंने यह भी कहा कि बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर के शो और कार्यक्रमों में हम भागीदार नहीं बनेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज आदि से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे, लेकिन समाज में नफरत नहीं फैलने देंगे. बता दें, इसको लेकर कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ में खेड़ा का 2 मिनट 50 सेकंड का एक वीडियो भी जारी किया.
बीजेपी ने की निंदा
इधर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टीवी न्यूज एंकरों को ब्लैक लिस्ट में डालने के ‘इंडिया’ गठबंधन के कदम की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा कि काले दिल वाले लोग ही ऐसे काम करते हैं. देश भर के लोग इस गठबंधन को काली सूची में डाल देंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी कहा कि जिन लोगों का दिल काला होता है, वे ही ब्लैकलिस्टिंग के ऐसे काम करते हैं. आपको पूरे देश में उत्तर से दक्षिण तक इंडिया गठबंधन की भूमिका देखनी चाहिए. लोग इस गठबंधन को काली सूची में डालने जा रहे हैं.
इस कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने ट्वीट कर कहा कि अहंकारी गठबंधन में शामिल I-N-D-I-A दलों की ओर से पत्रकारों का बहिष्कार और धमकी देने का लिया गया फैसला अत्यंत निंदनीय है. यह उनकी दमनकारी और तानाशाही सोच को दर्शाता है. बीजेपी गठबंधन की इस घटिया मानसिकता की कड़ी निंदा करती है. बीजेपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस मसले को लेकर विपक्षी गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का एकमात्र उदाहरण हमने 1975 में आपातकाल के दौरान देखा है. सनातन धर्म को खत्म करने के लिए खुला आह्वान, पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी और मीडिया का बहिष्कार आपातकाल के उन अंधकारमय दिनों की राजनीति को दर्शाता है.