मुंबई : भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर महाराष्ट्र में विपक्षी एकता को चुनौती देने की तैयारी में जुट गए हैं. उनकी नजर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ के वोटरों पर टिकी हुई है. बीएसआर के सुप्रीमो विपक्षी एकता को चुनौती देने के लिए अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ इलाके में रैलियां आयोजित की हैं. अब खबर है कि 26 जून को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों के साथ सोलापुर जिले के पंढरपुर मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाएंगे.
विपक्षी एकता बैठक से दूर रहे केसीआर
बता दें कि शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में भाजपा के खिलाफ 15 विपक्षी दलों की बैठक में बीआरएस प्रमुख केसीआर शामिल नहीं हुए थे. इस बैठक में केसीआर के अलावा वाईएसआर कांग्रेस, जेडीएस, बीएसपी और बीजेडी के सुप्रीमो जगनमोहन रेड्डी, एचडी देवगौड़ा, मायावती और नवीन पटनायक भी शामिल नहीं हुए थे. हालांकि, भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी.
पंढरपुर मंदिर में दर्शन करने जाएगा केसीआर का मंत्रिमंडल
अंग्रेजी के अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में पैठ बनाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर रही है. बीआरएस ने हाल के महीनों में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में रैलियां आयोजित की हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर अपने पूरे मंत्रिपरिषद के साथ 26 जून को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर मंदिर में दर्शन करने जाएंगे. वे सभी आषाढ़ी एकादशी से दो दिन पहले 27 जून को पंढरपुर में प्रसिद्ध श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर का दौरा करेंगे.
वारकरियों पर बरसाए जाएंगे गुलाब के फूल
बीआरएस के महाराष्ट्र किसान प्रकोष्ठ के प्रमुख माणिक कदम ने कहा कि केसीआर ने पिछले दिनों पंढरपुर मंदिर का दौरा किया था. इस बार उनके नेतृत्व में पूरी तेलंगाना कैबिनेट पंढरपुर में होगी. बीआरएस ने सोलापुर में केसीआर कैबिनेट की उपस्थिति के दौरान पंढरपुर में एक हेलीकॉप्टर से वारकरियों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की भी योजना बनाई है. वारकरी भगवान विट्ठल के भक्त हैं, जो जून-जुलाई में बड़ी संख्या में पैदल मंदिर शहर की वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं.
महाराष्ट्र में बीआरएस के कदम से विपक्ष में खलबली
बीआरएस महाराष्ट्र में अपने प्रवेश के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने और किसानों तक पहुंच बनाने सहित कई अन्य उपाय भी कर रही है, जिससे राज्य दलों के एक वर्ग विशेषकर विपक्ष में खलबली मची हुई है. वरिष्ठ एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) अजीत पवार ने कहा कि हम बीआरएस को हल्के में नहीं ले सकते. बीआरएस महाराष्ट्र में सक्रिय है. वह राज्य में खुद को मजबूत करने के लिए तेजी से अपना नेटवर्क फैला रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केसीआर की महाराष्ट्र रणनीति किसान सरकार की आवश्यकता पर प्रकाश डालने पर केंद्रित है, जो किसानों के हित के लिए समर्पित होगी.
केसीआर ने नागपुर में खोला पार्टी कार्यालय
हाल ही में केसीआर ने नागपुर में बीआरएस कार्यालय खोला, जहां उन्होंने एक सार्वजनिक रैली भी की. इस कार्यक्रम में बीआरएस कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में पार्टी के बैनर और पोस्टर लगाकर महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी को गुलाबी बना दिया. आरएसएस का मुख्यालय नागपुर में स्थित है, जो डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह नगर भी है.
भगवान विट्ठल की पूजा करने वालों को पंढरपुर में स्वागत : फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि जो कोई भी भगवान विट्ठल की पूजा करने के लिए पंढरपुर मंदिर आना चाहता है, उसका स्वागत है. पंढरपुर मंदिर के दरवाजे जाति, समुदाय, राजनीतिक विचारधारा या राज्य से परे सभी के लिए खुले हैं. उन्होंने कहा कि अगर केसीआर अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ दर्शन के लिए पंढरपुर में तीर्थयात्री के रूप में आ रहे हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारी एकमात्र चिंता यह है कि जब आपने पंढरपुर की तीर्थयात्रा की है, तो कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. जो कोई भी यहां आता है, वह भक्त है.
कांग्रेस में भी बढ़ी परेशानी
केसीआर की पंढरपुर मंदिर यात्रा का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के नेता राज्य में बीआरएस की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस की परेशानी भी बढ़ गई है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि बीआरएस ने राज्य में रैलियां की हैं. वे अपने वैचारिक झुकाव को स्पष्ट रूप से नहीं बता रहे हैं. यदि वे केंद्र और राज्य में सरकार के खिलाफ हैं, तो वे विपक्षी दलों के साथ क्यों नहीं जुड़ रहे हैं. ये ऐसे सवाल हैं, जो हमारे दिमाग में पैदा हो रहे हैं. बता दें कि इस साल के फरवरी और अप्रैल महीने में बीआरएस ने नांदेड़ में रैलियां आयोजित कीं, जो चव्हाण का गृह क्षेत्र है.
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लोकसभा की 48 और विस की 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बीआरएस
बीआरएस ने दावा किया है कि वह अगले साल महाराष्ट्र में सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और राज्य के किसी भी प्रमुख खिलाड़ी के साथ उसका गठबंधन नहीं होगा. महाराष्ट्र के बाहरी क्षेत्रों में बीआरएस अपनी तेलंगाना सरकार के कल्याण मॉडल का प्रदर्शन कर रही है. इसके तहत पार्टी का दावा है कि किसानों को चौबीसों घंटे मुफ्त बिजली और पानी दिया जाएगा.