Kedarnath Rescue: उत्तराखंड के अलग अलग हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई और यातायात प्रभावित हुआ. आसमान से बरस रही आफत से कई जानें चली गई.भी तक लगभग 9 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है और लगभग 1000 को सुरक्षित बचाने के लिए जद्दोजहत जारी है. अधिकारियों की मानें तो अगर मौसम ठीक रहा तो सभी तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को आज सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. लेकिन इलाके में मौसम खराब होने के चलते बचाव कार्य में भी मुश्किल हो रही है.
बादल फटने से फस गए थे 10 हजार तीर्थयात्री
जुलाई के आखिरी दिनों में उत्तराखंड में भयंकर बारिश हुई और कुदरत ने जमकर उत्पात मचाया था. राज्य के केदारघाटी में बादल फटने की और भूस्खलन की घटनाओं के बाद केदारनाथ धाम जानें वाला पैदल रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया था. मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण लगभग 10 हजार तीर्थयात्री अलग अलग जगहों में फस गए थे. इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य के कई हिस्सों में भयंकर तबाही मचाई थी. अचानक भारी बारिश से मंदाकिनी नदी उफान में आ गई जिससे बचने के लिए तीर्थयात्रीयों ने जंगलों की तरफ भागकर जान बचाई.
बचाव कार्य में जुटी NDRF, SDRF एवं सुरक्षाबलों के जवान
उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई थी. जिससे हजारों लोग अलग अलग जगहों में फस गए थे. इनके राहत एवं बचाव कार्य के लिए राज्य सरकार पिछले चार दिनों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की 882 सदस्यीय टीम के माध्यम से फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए मस्स्कत कर रही है. इसके अतिरिक्त आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीन दिन पहले चिनूक, एमआई-17 समेत सात हेलीकाप्टर भी उपलब्ध करवाए गए थे. इसके साथ ही फंसे लोगों को भोजन, पानी मुहैया कराया जा रहा है. बचाव टीम लोगों निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेज रही है.