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25 फरवरी को भाजपा में शामिल हुए थे मेट्रोमैन ई श्रीधरन
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मुख्यमंत्री से कम पद श्रीधरन को नहीं है स्वीकार्य
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राज्यपाल के पद को शक्तिहीन मानते हैं मेट्रोमैन
Kerala assembly election 2021 : देश में मेट्रोमैन के नाम से विख्यात ई श्रीधरन को राजनीतिक तौर पर झटका लगा है. केरल में आगामी 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. खबर है कि भाजपा की ओर से केरल में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर श्रीधरन के नाम का ऐलान कर दिया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में पार्टी ने अपना फैसला बदल दिया. अब पार्टी ने केरल में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर श्रीधरन के नाम को वापस ले लिया है. करीब 88 साल के श्रीधरन अभी हाल ही में भाजपा के जरिए राजनीति में प्रवेश किए हैं और उन्होंने पहले ही यह मंशा जाहिर कर दी है कि वे मुख्यमंत्री से कम किसी पद को स्वीकार नहीं करेंगे.
मीडिया की खबरों के अनुसार, केरल में भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने विजय यात्रा के दौरान श्रीधरन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि पार्टी अन्य उम्मीदवारों की सूची जल्द ही जारी करेगी. इससे पहले केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने ट्वीट कर कहा था कि केरल में भाजपा बतौर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में ई श्रीधरन के साथ चुनाव लड़ेगी. हम केरल के लोगों के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, विकासोन्मुख शासन प्रदान करने के लिए सीपीएम और कांग्रेस दोनों को हराएंगे.
हालांकि, मंत्री ने बाद में समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मैं जो बताना चाहता था, वह यह था कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से मुझे पता चला कि पार्टी ने यह घोषणा की है. बाद में मैंने पार्टी प्रमुख के साथ क्रॉस-चेक किया, जिन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
25 फरवरी को भाजपा में हुए थे शामिल
मुरलीधरन केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं. उन्होंने एक इससे पहले एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान बताया था कि श्रीधरन सार्वजनिक सेवा में रहे हैं. उनके अनुभव के साथ भाजपा आगे की प्रगति करेगी. उन्होंने कहा था कि 88 साल के उम्र में भी वह चुस्त-दुरुस्त हैं. आपको बता दें कि ई श्रीधरन बीती 25 फरवरी को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए थे. केरल के मलप्पुरम में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें भाजपा में शामिल कराया गया.
राज्यपाल बनने में दिलचस्पी नहीं
हालांकि, उन्होंने कुछ समय पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे भाजपा में शामिल होंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि अगर भाजपा चाहे, तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी चाहेगी, तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल का पद संभालने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि यह पद संवैधानिक है और उसमें कोई शक्ति नहीं है.
Posted by : Vishwat Sen