केरल में इस समय 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफे का मामला सुर्खियों में है. एक ओर राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सभी वीसी से इस्तीफा मांगा, तो दूसरी ओर सभी कुलपति राज्यपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रूख किया है. इस बीच राज्यपाल ने संबंधित कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिन्होंने उनके निर्देश के बाद भी आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट से पहले अपना त्याग पत्र भेजने से इनकार कर दिया था. उन्हें 3 नवंबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने का समय दिया है.
निर्देश के बाद भी कुलपतियों ने इस्तीफा नहीं भेजा, इसलिए जारी किया गया नोटिस : खान
राज्यपाल ने कहा कि नोटिस यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित सर्च कमेटी की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को अमान्य घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप जारी किए गए हैं. कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा, अब, हाईकोर्ट के फैसले के आलोक में मैं आपकी नियुक्ति को शुरू से ही अमान्य क्यों नहीं घोषित कर दूं. उन्होंने कहा कि कुलपतियों को जवाब देने के लिए तीन नवंबर तक का समय दिया गया है.
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Kerala Governor Arif Mohammad Khan issues notices to the Vice Chancellors concerned to show cause by 5 pm on or before Nov 3rd, their legal right to continue in office as Vice Chancellors and not to declare their appointment illegal and void ab initio. pic.twitter.com/h3bWZ6NIf4
— ANI (@ANI) October 24, 2022
वीसी को अपराधी कहा, मुझे और कौन से शब्द का प्रयोग करना चाहिए : राज्यपाल
केरल के राज्यपाल ने अपने बयान को दोहराया और कहा, मैंने (कन्नूर) वीसी को अपराधी कहा. उस व्यक्ति के लिए मुझे और कौन से शब्द का प्रयोग करना चाहिए, जो मुझ पर हमले कराने के लिए कन्नूर आमंत्रित करता है? उन्होंने कहा, आप मुझे वहां आमंत्रित करते हैं, आप स्वीकृत कार्यक्रम का उल्लंघन करते हैं, और आप हर दिशानिर्देश का उल्लंघन करते हैं. एक साजिशकर्ता ही ऐसा कर सकता है. और कौन कर सकता है ?
राज्यपाल को कुलपतियों से इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं : विजयन पालक्काड
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की सोमवार को आलोचना की. विजयन ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने उन पर संविधान तथा लोकतंत्र के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों को नष्ट करने की मंशा से काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल ने ही इन नौ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की थी और अगर ये नियुक्तियां गैरकानूनी थीं, तो पहली जिम्मेदारी खुद राज्यपाल की है.