संत केशवानंद भारती का निधन, इंदिरा सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती से मिली थी पहचान
Keshwanand bharti case, banam kerala rajya, supeme court news : प्रसिद्ध धर्मगुरु और 'केरल के शंकराचार्य' केशवानंद भारती का आज निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. बता दें कि भारतीय संविधान के मूल स्ट्रक्चर को स्थिर रखने मेंं केशवानंद भारती का योगदान अहम है. वे 20 साल की उम्र में ही शैव मठ के प्रमुख बन गए हैं.
Keshwanand bharti news : प्रसिद्ध धर्मगुरु और ‘केरल के शंकराचार्य’ केशवानंद भारती का आज निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. बता दें कि भारतीय संविधान के मूल स्ट्रक्चर को स्थिर रखने मेंं केशवानंद भारती का योगदान अहम है. वे 20 साल की उम्र में ही शैव मठ के प्रमुख बन गए हैं.
केशवानंद भारती सबसे पहले चर्चा में 1973 में आए थे, वे उस वक्त केरल सरकार के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए थे. कोर्ट में यह याचिका सरकार और मूल अधिकार के लिए था. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 13 जजों ने सुनवाई किया.
कोर्ट ने दिया था ये फैसला- बता दें कि केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 13 सदस्यीय संविधान पीठ बनाई. इस पीठ ने फैसला दिया कि संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्तियां सीमित हैं, हालांकि संसद मूल अधिकार में बदलाव नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को इंदिरा गांधी के लिए एक बड़ा झटका माना गया.
शैव मठ के गुरू- स्क्रॉल की एक रिपोर्ट के अनुसार केशवानंद भारती शैव मठ के गुरू थे. यह मठ केरल के कासरगोड़ में है. बताया जाता है कि यह मठ महान संत और अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रणेता आदिगुरु शंकराचार्य से जुड़ा हुआ है. शंकराचार्य के चार शुरुआती शिष्यों में से एक तोतकाचार्य परंपरा का यह मठ है.
चली थी सबसे लंबी सुनवाई- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सबसे लंबी सुनवाई 68 दिन तक 1972-73 में केशवानंद भारती केस में ही चली थी, जिसमें 13 जजों की बेंच ने संसद की शक्तियों पर फैसला सुनाया था. यह फैसला भारतीय संविधान के लिए नजीर बना.
Posted By : Avinish Kumar Mishra