Khosta-2 Virus: दुनियाभर में कोविड-19 का प्रकोप फिहलाल धीमा पड़ चुका है. लेकिन, इसी के जैसे एक और घातक संक्रमण को लेकर शोधकर्ताओं ने अलर्ट किया है. दरअसल, अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने रूसी चमगादड़ों में खोस्ता-2 नामक एक नए वायरस की पहचान की है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टेंशन बढ़ने वाली है. दरअसल, खोस्ता-2 की प्रकृति सार्स-सीओवी-2 वायरस से मिलती जुलती बताई जा रही है.
अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि खोस्ता -2 मनुष्यों को संक्रमित करने में सक्षम है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV), पुणे की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा यादव के अनुसार, हालांकि खोस्ता वायरस से अब तक मानव के संक्रमित होने का कोई मामला सामने नहीं आया हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से विशेष बातचीत में वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि खोस्ता-2 वायरस से मानव संक्रमण का भले ही अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया हैं. हालांकि, यह वायरस मानव के ACE2 को व्यक्त करने वाली कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह पहले SARS-CoV-1 और 2 वायरस के साथ हुआ था. डॉ प्रज्ञा यादव ने आगे खोस्ता-2 वायरस के बारे में बताते हुए कहा कि यह वायरस एक SARS जैसा कोरोना वायरस है, जो बीटा कोरोना वायरस जीनस के सबजेनस सरबेको वायरस से संबंधित है.
ऐसे वायरल रोगजनकों के पुन: उभरने से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर उन्होंने कहा, एक शीर्ष वायरोलॉजी संस्थान के रूप में, आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी व्यापक रूप से वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (VRDLs) का नेटवर्क किसी भी वायरल के उभरने या फिर से सक्रिय होने से संबंधित स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति को संभालने में सक्षम होगा. हम पहले ही जीका, निपाह और मंकीपॉक्स वायरस और COVID-19 महामारी के समय में इस ताकत का प्रदर्शन कर चुके हैं.
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