Kisan Aandolan : तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार और आंदोलनरत किसानों के बीच गतिरोध खत्म होने के आसार नजर आने लगे हैं. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए रोकने के वह तैयार है. हालांकि एक ऐसी भी खबर आ रही है जो पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ा सकती है.
दरअसल दस लाख से ज्यादा की भीड़ जुट जाने का दावा करने वाले किसान संगठनों ने एक बात कही है जिससे परेशानी बढ़ने के आसार है. संगठनों ने कहा है कि इनमें से कम से कम एक चौथाई महिलाएं परेड का हिस्सा होंगी. एक हजार से ज्यादा महिलाओं के हाथ में ट्रैक्टर की स्टेरिंग होगी. वे विभिन्न मार्गों पर किसान गणतंत्र परेड में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
मीडिया में इस संबंध में खबर चल रही है जिसके अनुसार शाहजहां और सिंघू बॉर्डर जोरों की तैयारी किसान कर रहे हैं. तैयारियों पर नजर डालें तो परेड में शामिल महिलाएं ट्रैक्टर के साथ अपने राज्यों के कृषि हालात की जानकारी के साथ सड़क पर उतरेंगी. परेड में महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, हरयिाणा, उत्तर प्रदेश से आने वाली महिला किसानों का अलग-अलग दस्ता कूच करता दिखेगा. बिल्कुल वैसे ही जैसा राजपथ पर झाकियां नजर आतीं हैं.
ट्रैक्टर रैली पर हस्तक्षेप नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट : इधर दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारी किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए एक न्यायिक आदेश पाने की दिल्ली पुलिस की उम्मीदों पर बुधवार को पानी फिर चुका है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में दायर याचिका वापस लेने का निर्देश देते हुए कहा कि यह पुलिस का मामला है. यह ऐसा मुद्दा नहीं है कि जिस पर शीर्ष अदालत को आदेश जारी करना पड़े. इसके बाद केंद्र सरकार ने याचिका वापस ले ली.
बैठक आज : गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर आज वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच बैठक होगी.
Posted By : Amitabh Kumar