राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राष्ट्रपति दबाव में है, उनके ऊपर भारी दबाव है यही कारण है कि वह मुख्यमंत्रियों ने नहीं मिल रही. कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी है.
कांग्रेस किसान आंदोलन के साथ
कांग्रेस यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह किसानों के साथ है और उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है. कांग्रेस प्रतिनिधिममंडल की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मिलकर 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा.
CMs of Punjab, Rajasthan, Chhattisgarh and Puducherry had requested to meet the President. The President must be under so much pressure that four chief ministers wanted to meet him but he couldn't meet them. This is my assumption: Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/V6cwbY3KEN
— ANI (@ANI) December 25, 2020
राष्ट्रपति ने नहीं दिया मुख्यमंत्रियों को समय
अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्रियों से नहीं मिलने पर राष्ट्रपति के दबाव में होने की बात कही, उन्होंने कहा- “पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुच्चेरी के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का अनुरोध किया. राष्ट्रपति के ऊपर इतना ज्यादा दबाव है कि चार राज्यों के मुख्यमंत्री चाहने के बावजूद भी उनसे नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसा मेरा मानना है. ”
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कम नहीं हो रहा है विरोध प्रदर्शन
दूसरी तरफ किसान आंदोलन बढ़ रहा है. किसान कृषि कानून के वापस लेने से कम में समझौते को राजी नहीं है. सरकार लगातार बातचीत के जरिये कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों के मन में डर है कि इस कानून के आने से बड़ी कंपनियां उन पर हावी हो जायेंगी.
सरकार लगातार कर रही है मनाने की कोशिश
कृषि मंत्री ने किसान प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान उनके कानून में आपत्तियों पर सवाल किया लेकिन किसान तीनों कृषि बिल वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. कृषि मंत्री के साथ- साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मध्यप्रदेश में हुई जनसभा के दौरान सीधे किसानों को संबोधित किया जिसमें उन्होंने कहा कि आप एमएसपी और अपनी जमीन को लेकर बिल्कुल चिंता मत कीजिए आपकी एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगी और आपकी जमीन पर आपका अधिकार बना रहेगा. 42 रुपये प्रतिमाह भरें और पायें पूरी जिंदगी पेंशन
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भाजपा के सांसदों ने भी अपने – अपने स्तर से किसानों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की लेकिन किसान सिर्फ इन कानूनों की वापसी पर अड़े हैं. कांग्रेस सहित कई औऱ पार्टियां किसानों के साथ खड़ी है. कांग्रेस के नेताओं ने पहले भी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और अपनी बात रखी थी. अब अशोग गहलोत ने राष्ट्रपति के दबाव में होने की बात कह दी है.