कृषि कानूनों किसानो के बढ़ते विरोध के कारण बैकफुट पर जा केंद्र सरकार अब फ्रंटफुट से खेलने की तैयारी कर रही है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी आज से नए कृषि बिलों पर देश के सभी ज़िलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी. साथ ही आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 चौपाल आयोजित की जाएंगी.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शुक्रवार से नए कृषि बिलों पर देश के सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘चौपाल’ आयोजित करेगी. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 ‘चौपाल’ आयोजित की जाएंगी.
बता दें कि सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के लिए विभिन्न राज्यों के किसान लगभग दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर रहने के कारण शुक्रवार को भी राष्ट्रीय राजधानी में कई मार्ग यात्रियों के लिए बंद रहे.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 16 वां दिन है. केंद्र द्वारा हाल ही में बनाए गए कृषि कानूनों में संशोधन करने के केंद्र के प्रस्तावों को खारिज करने के बाद, आंदोलनकारी नेताओं ने गुरुवार को कहा कि वे तीन अधिनियमों को रद्द करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए रेलवे पटरियों को जाम करके अपना आंदोलन तेज करेंगे.
कृषि कानूनो के खिलाफ किसानों का आंदोलन कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और किसानों के बीच हो रही बातचीत का भी कुछ परिणाम नहीं निकल पा रहा है. जहां एक ओर किसान इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं वह सरकार किसानों से बातचीत कर संशोधन में जोर दे रही है. अब तक सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है. कृषि मंत्री , रक्षा मंत्री के साथ भी बैठक हो चुकी है. इसके बाद सरकार ने लिखित प्रस्ताव भी दिया पर फिर भी किसान नहीं माने. इसके बाद गुरुवार को कृषि मंत्री ने एक बार फिर से अपना रूख स्पष्ट किया.
वहीं मोदी ने किसानों के रूख को देखते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया है और इस मामले को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा किए गये प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियों लिंक को भी साझा किया है. पीएम मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है. इसे जरूर सुनें’.
Posted By: Pawan Singh