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Kisan Andolan Chakka Jam : किसानों के चक्का जाम में लहराया भिंडरावाले की तसवीर वाला झंडा, टिकैत ने दी सफाई

Kisan Andolan Chakka Jam, bhindranwale flag in chakka jam, farmers Chakka Jam, Bhindranwale केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से भी अधिक समय से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर जमे किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के लिए देश भर में चक्का जाम किया. जिसमें किसानों को राजनीतिक दलों का भी खुब समर्थन प्राप्त हुआ.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से भी अधिक समय से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर जमे किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के लिए देश भर में चक्का जाम किया. जिसमें किसानों को राजनीतिक दलों का भी खुब समर्थन प्राप्त हुआ.

लेकिन चक्का जाम के दौरान भी खालिस्तानी घुसपैठ की चर्चा हो रही है. दरअसल ऐसी चर्चा इसलिए की जा रही है, क्योंकि चक्का जाम के दौरान भिंडरावाले की तसवीर लगे झंडे को लहराते हुए देखा गया. वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया है. एएनआई के अनुसार भिंडरावाले की तसवीर लगा झंडा पंजाब के लुधियाना में लहराया गया.

इधर किसान नेता राकेश टिकैत ने लुधियाना में चक्का जाम के दौरान एक ट्रैक्टर पर ‘भिंडरावाले’ के झंडे पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा, बात करेंगे. अगर ऐसा हुआ है तो गलत हुआ. जो चीज प्रतिबंधित है वो नहीं लगानी चाहिए.

किसान आंदोलन पर लगा है खालिस्तानी घुसपैठ का आरोप

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से अधिक समय से जारी किसानों के आंदोलन में खालिस्तानी घुसपैठ के आरोप लगता रहा है. सोशल मीडिया पर भी कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिसको लेकर आरोप लगाया गया कि किसानों के आंदोलन की आड़ में देश विद्रोही गतिविधि को बढ़ावा दे रहे हैं.

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के ‘चक्का जाम’ आंदोलन के दौरान देश भर में किसानों ने सड़कों के बीचों बीच अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी कर दीं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कई स्थानों पर प्रदर्शन में महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या में भागीदारी रही. केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक राष्ट्रव्यापी चक्का जाम करने का आह्वान किया था.

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प्रदर्शन स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाये जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किये जाने और अन्य मुद्दों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तीन घंटे के चक्का जाम का एलान किया गया था. किसान नेताओं ने दावा किया कि तीन घंटे का उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी और यातायात का मार्ग बदलने के लिये सभी प्रबंध किये गये थे.

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दौरान किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने देश की राजधानी में 50 हजार से अधिक पुलिस बल तैनात किये थे. किसानों के प्रदर्शन पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही थी. हालांकि किसानों का देशव्यापी चक्काजाम में कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं आयी.

Posted By – Arbind kumar mishra

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