केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे तथा दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की मुश्किलें रातभर हुई बारिश ने बढ़ा दीं. बारिश होने से रविवार सुबह तक आंदोलन स्थलों पर तंबुओं में पानी भर गया और अलाव, ईंधन की लकड़ी, कंबल आदि भी भीग गए.
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने रविवार को कहा कि किसान जिन तंबुओं में रह रहे हैं वे वाटरप्रूफ हैं लेकिन ये ठंड और जलभराव से उनका बचाव नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, बारिश की वजह से प्रदर्शन स्थलों पर हालात बहुत खराब हैं, यहां जलभराव हो गया है.
बारिश के बाद ठंड बहुत बढ़ गई है लेकिन सरकार को किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही. सिंघू बॉर्डर पर डटे गुरविंदर सिंह ने कहा कि कुछ स्थानों में पानी भर गया है और समुचित जन सुविधाएं नहीं हैं. उन्होंने कहा, अनेक समस्याओं के बावजूद भी हम यहां से तब तक नहीं हिलने वाले जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में भारी बारिश हुई तथा बादल छाए रहने और पूर्वी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है.
Also Read: Farmers Protest News : इस बार लोहड़ी में कृषि कानूनों की कॉपियां जलाएंगे किसान, 6-20 जनवरी के बीच बड़े आंदोलन की तैयारीविभाग के एक अधिकारी ने कहा, सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस तथा 25 मिमी बारिश दर्ज की गई. पालम वेधशाला में न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री तथा 18 मिमी बरसात दर्ज की गई. छह जनवरी तक बारिश के साथ ओले गिरने का अनुमान है. पंजाब और हरियाणा के किसानों समेत हजारों की संख्या में किसान केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर एक महीने से भी अधिक समय से डटे हुए हैं.
भारतीय किसान यूनियन (उग्रहण) के नेता सुखदेव सिंह के नेतृत्व में किसान टिकरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों ने ठंड से बचने के लिए जो बंदोबस्त किये हैं, वे बारिश और उसके बाद होने वाले जलभराव के कारण ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रहे. एक अन्य प्रदर्शनकारी किसान वीरपाल सिंह ने कहा कि उनके कंबल, कपड़े, लकड़ियां आदि भीग गए हैं.
उन्होंने बताया, बारिश के कारण हुए जलजमाव के चलते हमारे कपड़े भीग गए. खाना बनाने में भी परेशानी आ रही है क्योंकि ईंधन की लकड़ी भीग गई है. हमारे पास एलपीजी सिलेंडर है, लेकिन यहां हर किसी के पास यह नहीं है. गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में से एक धर्मवीर यादव ने कहा, चाहे तूफान क्यों न आ जाए, हम किसी भी परेशानी का सामना करने को तैयार हैं लेकिन जब तक मांगें पूरी नहीं होती, हम इस स्थान से नहीं हटेंगे. बुराड़ी स्थित मैदान में भी शिविरों में पानी भर गया और प्रदर्शनकारी वहां से पानी निकालने और अपने सामान को भीगने से बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आए.
Posted By – Arbind kumar mishra