kisan andolan, farmer protest, farmers agitation, bharat band : किसान आंदोलन को लेकर फिर गरजे राहुल, कहा- बिना MSP-APMC मुसीबत में है बिहार का किसान, पीएम मोदी ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेला
kisan andolan, farmer protest, farmers agitation, bharat band : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में फिर से ट्वीट किया है.
kisan andolan, farmer protest, farmers agitation, bharat band : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में फिर से ट्वीट किया है. इस बार उसका ट्वीट खासकर बिहार के किसानों के लिए हैं. उन्होंने कहा है कि ‘बिना न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) के बिहार के किसान बेहद मुसीबत में हैं और अब पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है’.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है. ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है.”
बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएँ में धकेल दिया है।
ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है। pic.twitter.com/Err20Pp0kv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2020
खास बातें :-
-
मध्य प्रदेश के किसानों ने एनएच-19 पर डाला डेरा
-
सिंघु बॉर्डर तृणमूल सांसदों ने की किसानों से मुलाकात
-
किसान आंदोलन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
-
कनाडाई उच्चायुक्त तलब, भारत बोला- हस्तक्षेप अस्वीकार्य
-
हाइवे बना ठिकाना, गांव के लोग जुटा रहे राशन, पहुंचा रहे दिल्ली
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के धरने का आज 10वां दिन है. किसानों की सरकार के साथ दो बार की वार्ता में इस मसले का कोई नतीजा नहीं निकला है. इधर किसानों के साथ सरकार की आज फिर पांचवें दौर की बातचीत होगी. वहीं, किसानों ने एलान किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आज (शनिवार) से देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलायेंगे और आठ दिसंबर को भारत बंद किया जायेगा.
बता दें कि पिछली बार की तरह ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी. लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नये कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे. किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गयी दोपहर के भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया था.
इधर, करीब एक करोड़ माल वाहक ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च ट्रांसपोर्ट बॉडी ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के विरोध के समर्थन में आठ दिसंबर से हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है. ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए उत्तर भारतीय राज्यों में और बाद में पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को रोकने की धमकी दी है.