Kisan Andolan Latest Update: किसानों के कब्जे में करनाल और पानीपत टोल प्लाजा, बैरियर तोड़ आवाजाही को किया फ्री
Kisan Andolan Farmers Protest latest update: कृषि कानूनों (Farm Laws) को खिलाफ किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है. सरकार से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने आंदोलन और तेज कर दिया है. जहां सरकार इस बिल को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है वहीं किसान भी अपनी मांग पर बने हुए हैं. इस बीच किसान संगठनों ने 12 दिसंबर को देशभर के टोल प्लाजा (Toll Plaza)को फ्री करने का एलान किया था. इसके तहत किसानों ने शुक्रवार रात बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा को कब्जे में लेकर तोड़ फोड़ की. प्लाजा में लगे बैरियर को भी तोड़ दिया. यहां पर वाहनों की आवाजाही मुफ्त में हो रही है. घटना के दौरान मौके पर कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था.
कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है. सरकार से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने आंदोलन और तेज कर दिया है. जहां सरकार इस बिल को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है वहीं किसान भी अपनी मांग पर बने हुए हैं. इस बीच किसान संगठनों ने 12 दिसंबर को देशभर के टोल प्लाजा को फ्री करने का एलान किया था. इसके तहत किसानों ने शुक्रवार रात बसताड़ा टोल प्लाजा और पानीपत टोल प्लाजा को कब्जे में लेकर तोड़ फोड़ की. प्लाजा में लगे बैरियर को भी तोड़ दिया. यहां पर वाहनों की आवाजाही मुफ्त में हो रही है. घटना के दौरान मौके पर कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का आंदोलन से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
बताया रहा है कि नेशनल हाईवे-44 पर स्थित बसताड़ा और करनाल-जींद मार्ग पर स्थित प्योंत टोल प्लाजा के पास किसान सुबह से ही जमा होने लगे और टोल अधिकारियों से कहा था कि वो शनिवार क टोल बंद रखें. अधिकारियों ने मौक पर एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण) के आदेश के बाद ही कुछ फैसला लेने की बात कह थी. घटना की जानकारी एनएचएआई ने स्थानीय प्रशासन को भी दी थी.
एनएचएआई से मिली जानकारी के आधार पर जिले के उपायुक्त ने शनिवार सुबह टोल प्लाजा में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों के तैनात करने की बात कह थी लेकिन शुक्रवार रात की किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पहुंचे, यहां से टोल फ्री कराने के बाद जैसे ही वो निकले टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने वसूली करना शुरू कर दिया. इसके बाद किसानों ने लौटकर बैरियर तोड़ दिया. फिर किसानों ने पानीपत टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर उसे फ्री कर दिया.
केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन और तेज होने जा रहा है. किसान शनिवार को दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाइवे को ठप करने का एलान कर चुके हैं. आंदोलन को और तेजी देने के लिए शुक्रवार को पंजाब के अलग-अलग इलाकों से करीब 50 हजार किसान दिल्ली की ओर रवाना हो चुके हैं. एक हजार से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में किसान अपने साथ छह महीने का राशन भी लेकर आ रहे हैं.
मोगा पहुंचे किसान मजदूर संघर्ष समिति के पंजाब के प्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि शुक्रवार को पंजाब के अलग-अलग जिलों से लगभग 50 हजार किसान दिल्ली रवाना हुए हैं. इधर, भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने नये कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनेवाली याचिका से संबंधित मामले में खुद को पक्ष बनाने के लिए याचिका दायर की है. इस बीच, दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर साफ-सफाई की स्थिति बिगड़ती जा रही है. अब यहां कूड़े का अंबार लग गया है. कचरा, गंदे शौचालय और ठहरा हुआ पानी बदूब पैदा कर रहे हैं.
Posted By: Pawan Singh