कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में कहा कि किसान देश की ताकत हैं और सरकार उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार गांव, गरीब और किसानों के हित के लिए काम करती है. कृषि कानून उनकी आय दोगुनी करने और उनकी स्थिति सुधारने के लिए लाया गया है. विपक्ष इसे काला कानून कहते हैं, जरा विपक्ष बताये कि इसमें काला क्या है?
Narendra Singh Tomar: कृषि मंत्री ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है. किसान बतायें कि उनकी आपत्ति कहां-कहां पर है. सरकार अगर संशोधन के लिए तैयार है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि कानून में किसी तरह की कोई खराबी है.
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पंजाब के कानून में खामी है, जहां जेल जाने तक की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को कृषि कानूनों को लेकर कुछ गलतफहमी है, क्योंकि वहां की व्यवस्था अलग है.
Narendra Singh Tomar News: कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हमने मनरेगा के गड्ढे को भरा है और इसे बहुउपयोगी बनाया है. हमारी सरकार ने मनरेगा का बजट बढ़ाया है. पहले तो मनरेगा में सिर्फ गड्ढे ही खोदे जाते थे. हमारी सरकार ने ग्रामीण विकास पर ध्यान दिया है.
कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी है, लेकिन हमने इस दौर में अनुशासन सीखा है. कृषि मंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा के दौरान कही.
We have started to provide MSP, 50% more than the production cost. Also, Rs 1 lakh crore agriculture infrastructure fund has been given under Atmanirbhar package. We have tried to ensure the requisite investment reaches the agriculture sector: Agriculture Minister NS Tomar pic.twitter.com/Dgq2JdUKNr
— ANI (@ANI) February 5, 2021
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में सरकार चाहे किसी की भी हो, लेकिन उसे देशवासियों के विकास पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने मनरेगा के फंड में लगातार वृद्धि की है. कोरोना काल में हमने मनरेगा के फंड को 61 हजार करोड़ से बढ़ाकर 1.115 लाख करोड़ कर दिया है. इस दौरान 10 करोड़ लोगों की मनरेगा के तहत रोजगार मिला.
15वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायत को 2.36 लाख करोड़ दिये जाने की सिफारिश की, जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी. लगभग 43 हजार करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य पर खर्च के लिए आवंटित किये गये हैं.
गौरतलब है कि आज जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने एकबार फिर नये कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरा और इन कानूनों को वापस लेने की मांग की. इसके साथ ही विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने 26 जनवरी को लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने की घटना की जांच कराए जाने पर भी बल दिया.
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शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है और किसानों के लिए खालिस्तानी, आतंकवादी जैसे शब्दों का उपयोग किया जा रहा है. राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में आगे हो रही चर्चा में भाग लेते हुए राउत ने आरोप लगाया कि सरकार अपने आलोचकों को बदनाम करने का प्रयास करती है और किसान आंदोलन के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है.
Posted By : Rajneesh Anand