Kisan Andolan : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) केंद्र के तीन कृषि कानूनों का एक साल पूरा होने पर इनके खिलाफ शुक्रवार को दिल्ली में प्रदर्शन करने जा रही थी. इन्हें दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया है. कुछ लोग किसी तरह दिल्ली में प्रवेश कर गये हैं. दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर बैरिकेट लगाये हैं. अकाली दल के नेता बॉर्डर पर ही बैठे हैं और आगे की राणनीति पर विचार कर रहे हैं. पुलिस ने इस प्रदर्शन कि देखते हुए कई रूट को डायवर्ट कर दिया है.
टीवी रिपोर्ट के अनुसार कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और दिल्ली पुलिस के जवानों के बीच झड़प भी हुई है. दिल्ली पुलिस ने सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर समेत 11 लोगों को हिरासत में ले लिया है. सुखबीर बादल ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पूरी रात पुलिस ने बैरिकेट लगाया और हमें रोकने का काम किया. प्रधानमंत्री किसानों के हक की बात नहीं करते हैं.
अकाली दल ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी थी कि विरोध मार्च गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद भवन तक निकाला जाएगा जिसका नेतृत्व शिअद प्रमुख सुखबीर बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल करेंगी. गौर हो कि तीनों कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद में पारित हुए थे और हरसिमरत ने इनके विरोध में केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था.
शिअद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कई किसान मारे गए हैं और कई अभी भी राज्य की सीमाओं पर बैठे हैं लेकिन यह सरकार (केंद्र) उदासीन है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त होने तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हरसिमरत कौर बादल ने घटना से जुड़ा वीडियो शेयर किया और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है.
Delhi | A number of farmers have died and many are still sitting at the state borders but this government (Centre) is indifferent. We will continue our fight until the three farm laws are repealed: SAD leader and former Union minister Harsimrat Kaur Badal pic.twitter.com/p64GeE4HFC
— ANI (@ANI) September 17, 2021
बादल ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि दिल्ली पुलिस द्वारा शहर के एंट्री प्वॉइंट्स सील करना और गुरुद्वारा रकाबजगंज पहुंच रहे अकाली दल के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना बहुत ही निंदनीय है. मेरे पास फोन कॉल और वीडियो आ रहे हैं. ये बताते हैं कि कैसे पुलिस तीन कृषि कानूनों के खिलाफ होने वाले इस मार्च को विफल करना चाहती है. यह एक अघोषित आपातकाल की तरह है.
Strongly condemn Delhi police for sealing entry points to national capital & detaining @Akali_Dal_ workers reaching Gurdwara Rakabganj Sahib. Receiving phone calls & videos telling how Police trying to foil protest march to Parl against 3 Farm Laws. It's an undeclared EMERGENCY! pic.twitter.com/lhHwMMTtqa
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2021
देश की राजधानी दिल्ली के कई रूट बंद होने का असर दिख रहा है. एनएच-9 और एनएच-24 पर भयंकर जाम नजर आ रहा है. पुलिस ने अकाली दल के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है. यमुना ब्रिज विकास मार्ग पर भी गाडियों की लंबी कतार से लोग परेशान हैं. ITO पर लंबा जाम है. राउंड अबाउट पुसा से शंकर रोड की ओर जाने वाला ट्रैफिक पुसा रोड की तरफ डायवर्ट करने का काम किया गया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने पंडित श्रीराम शर्मा और बहादुरगढ़ सिटी मेट्रो स्टेशंस के एंट्री और एग्जिट गेट्स बंद को बंद कर दिया गया है.
इधर पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी ‘आप’ केंद्र के तीन कृषि कानूनों के लागू होने के एक साल पूरा होने पर 17 सितंबर को ‘काला दिवस’ मना रही है. आम आदमी पार्टी (आप) कृषि कानूनों के खिलाफ़ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य भर में ‘कैंडल मार्च’ भी निकाल रही है. बयान जारी करके आप के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि देश भर में ‘काले कृषि कानून’ के खिलाफ किसानों में ‘रोष’ है. इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि 17 सितंबर, 2020 को संसद में तीन ‘काले’ कृषि विधेयक पारित हुए इसलिए 17 सितंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है.
इधर न्यूज चैनल आजतक से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को एक साल करीब हो गये हैं. ये आंदोलन कबतक चलेगा पता नहीं. जब पत्रकार ने सवाल किया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. क्या आपको कोई पीएम से तोहफा मिलने की उम्मीद है. तो राकेश टिकैत ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री से कोई उम्मीद नहीं है. हम यही चाहेंगे कि अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री शहीद किसानों को याद ही कर लें. हम कानून वापसी तक सड़क पर ही रहेंगे. हम यहां से घर वापस नहीं जाएंगे. किसानों को अपना हक चाहिए.
Posted By : Amitabh Kumar