Kisan Andolan: किसान मजदूर संघ ने किया कृषि कानूनों का समर्थन : कृषि मंत्री तोमर ने किया दावा
नयी दिल्ली : कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ करीब एक माह किसानों के प्रदर्शन (Kisan Andolan) के बीच आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र मोदी तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि बागपत के किसानों ने कृष कानूनों के समर्थन का पत्र दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार किसी भी दबाव में कृषि कानूनों में संशोधन नहीं करे. आज किसान मजदूर संघ (Kisan Majdoor Sangh) का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि भवन में तोमर से मिला और उन्हें एक पत्र सौंपा है. प्रतिनिधिमंडल में करीब 60 किसान नेता शामिल थे.
नयी दिल्ली : कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ करीब एक माह किसानों के प्रदर्शन (Kisan Andolan) के बीच आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र मोदी तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि बागपत के किसानों ने कृष कानूनों के समर्थन का पत्र दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार किसी भी दबाव में कृषि कानूनों में संशोधन नहीं करे. आज किसान मजदूर संघ (Kisan Majdoor Sangh) का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि भवन में तोमर से मिला और उन्हें एक पत्र सौंपा है. प्रतिनिधिमंडल में करीब 60 किसान नेता शामिल थे.
वहीं, किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले को आतंकवादी करार दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है.
नये कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक लिया और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है. राहुल गांधी ने कहा कि अगर किसी दिन मोहन भागवत भी मोदी के खिलाफ हुए तो उनको भी आतंकवादी बता दिया जायेगा.
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राहुल ने यह आरोप भी लगाया कि अब देश में लोकतंत्र नहीं बचा है और यह अब सिर्फ कल्पना में है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं और इनसे मजदूरों और किसानों का बहुत नुकसान होने जा रहा है तथा किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि ये मजदूर और किसान वापस चले जायेंगे. जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक ये किसान पीछे नहीं हटेंगे.
राहुल ने कहा कि संयुक्त सत्र बुलाइए और कानूनों को वापस लीजिए. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री ने कानून वापस नहीं लिए तो सिर्फ भाजपा और आरएसएस को नहीं, बल्कि पूरे देश को नुकसान होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया है. राष्ट्रपति भवन तक मार्च से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों ने पार्टी मुख्यालय के परिसर में बैठक की.
Posted By: Amlesh Nandan.