किसानों के समर्थन में और कृषि कानून के विरोध में समाजसेवी अन्ना हजारे अनशन करेंगे. 30 जनवरी को अन्ना हजारे ने अनशन करने का ऐलान किया है. अनशन के लिए अन्ना हजारे ना तो किसानों के साथ सिंघू बोर्डर पर होंगे ना ही दिल्ली, मुंबई या किसी बड़े शहर को उन्होंने इस बार अपना अपना ठिकाना बनाया है बल्कि अपने गांव रालेगण सिद्धि में ही वह अनशन पर बैठेंगे.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का उनका गांव रालेगण सिद्धि कई मायनों में खास है. इसी गांव में अन्ना हजारे आमरण अनशन पर बैठेंगे. अन्ना हजारे दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करना चाहते थे लेकिन उन्हें मांगी गयी अनुमति के जवाब में कुछ नहीं बताया गया.
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अन्ना हजारे जनलोकपाल आंदोलन के वक्त उसके प्रमुख चेहरे थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ और अच्छे प्रशासन के लिए अनशन करते रहे हैं. महाराष्ट्र में अन्ना कई बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन जनलोकपाल आंदोलन ने अन्ना को घऱ – घर में पहचान दिला दी यह आंदोलन साल 2011 में किया गया था.
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किसानों के साथ अन्ना हजारे का समर्थन और आमरण अनशन सरकार के लिए नयी परेशानी खड़ी कर सकता है. किसानों के साथ बातचीत में सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल सकी. सरकार ने किसान कानून को डेढ़ साल के लिए रोकने का प्रस्ताव दिया था लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. अब किसान 26 जनवरी को ट्रेकटर मार्च के लिए अड़े हैं.