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Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, कहा- चालीस लाख ट्रैक्टर से घेरेंगे संसद, इंडिया गेट पर करेंगे खेती

Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को सीकर में आयोजित किसान मोर्चा की महापंचायत को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि कान खुल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2021 10:50 AM
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Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो अब संसद का घेराव होगा. उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि संसद को घेरने वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे. राकेश टिकैत ने साथ ही किसानों को तैयार रहने का भी निर्देश दिया है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को सीकर में आयोजित किसान मोर्चा की महापंचायत को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि कान खुल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.’इसके साथ ही उन्होंने किसानों से तैयार रहने को कहा क्योंकि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है.

किसान आंदोलन की बड़ी बातें 

  • टीकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर दिल्ली पुलिस ने लगाये चेतावनी भरे पोस्टर, संयुक्त किसान मोर्चा ने की आपत्ति

  • लाल किला हिंसा का आरोपी दीप सिद्धू 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

  • ट्रैक्टर परेड हिंसा के मामले में एक आरोपी लक्खा सिधाना को पंजाब के बठिंडा में नये कृषि कानूनों के खिलाफ जनसभा में देखा गया.

  • इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने जम्मू के किसान नेता मोहिंदर सिंह और एक अन्य को गिरफ्तार किया.

  • किसान नेता वीएम सिंह ने कहा है कि नये कानूनों की वापसी तक यूपी के प्रत्येक गांव के पांच किसान रोज आठ घंटे का उपवास करेंगे.

दिशा रवि को मिली जमानत 

न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि आंदोलन के समर्थन के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण या एक हानिरहित टूलकिट का संपादक होना कोई अपराध नहीं है. उक्त ‘टूलकिट’ के अवलोकन से पता चलता है कि उसमें किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई भी अपील नहीं की गयी है. उन्होंने कहा, ‘संवाद पर कोई भौगोलिक बाधा नहीं है. एक नागरिक को यह मौलिक अधिकार है कि वह संवाद के आदान-प्रदान के लिए सर्वोत्तम साधनों का उपयोग कर सके.’ उन्होंने कहा, ‘अल्प एवं अधूरे साक्ष्यों के मद्देनजर, मुझे 22 वर्षीय लड़की के लिए जमानत न देने का कोई ठोस कारण नहीं मिला, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.’

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