Kisan Andolan News: राजधानी दिल्ली में नये कृषि कानूनों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों से आये किसानों का आंदोलन पिछले 47 दिनों से जारी है. कड़ाके की सर्दी में दिल्ली के विभन्न सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसान के लिए आज का दिन काफी अहम साबित हो सकता है. कृषि कानूनों से जुड़ी कई याचिकाओं पर देश का सर्वोच्च न्यायालय आज कोई बड़ा फैसला सुना सकता है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई के पहले किसान अपने 26 जनवरी को होने वाले टैरक्टर रैली की तैयारियों जुटे हुए हैं. कृषि कानूनों के वापस लेने की अपने मांग को लेकर किसान अड़े हुए हैं. वहीं सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं मानी तो लोहड़ी तो क्या हम होली भी यहीं मनाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम सरकार से कहना चाहते हैं कि किसानों की तरफ ध्यान दे.
वहीं सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले के पहले भारतीय किसान यूनियन के राजवीर सिंह जादौन ने न्यूज एजेन्सी ANI से बात करके हुए कहा कि “हम कोर्ट से अपेक्षा करेंगे कि कानूनों को खत्म करने का आदेश दे और MSP पर कानून बने. वहीं वहां प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से तो उम्मीद है मगर सरकार से उम्मीद नहीं है क्योंकि अगर सरकार चाहती तो यह फैसला अब तक हो गया होता. वहीं किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर से दिल्ली की ओर ट्रैक्टर रैली निकाली