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Kisan Andolan : रेल रोको अभियान के पहले सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के एसएचओ पर हमला, बाल-बाल बची जान

Farmer Protest Latest Updates : कृषि कानूनों के विरोध (Kisan Andolan) में किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 82वें दिन भी जारी है. 18 फरवरी को यानी कल किसानों का रेल रोको (Rail Roko) अभियान है. इसी बीच एक बड़ी खबर सिंघु बॉर्डर से आ रही है जहां कल एक आंदोलनकारी द्वारा हमला किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस (delhi police) के एसएचओ (SHO) को चोटें आईं हैं.

  • सिंघु बॉर्डर पर पुलिस पर हमला

  • रेल रोको अभियान कल

  • किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 82वें दिन भी जारी

कृषि कानूनों के विरोध (Kisan Andolan) में किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 82वें दिन भी जारी है. 18 फरवरी को यानी कल किसानों का रेल रोको (Rail Roko) अभियान है. इसी बीच एक बड़ी खबर सिंघु बॉर्डर से आ रही है जहां कल एक आंदोलनकारी द्वारा हमला किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस (delhi police) के एसएचओ (SHO) को चोटें आईं हैं. इस हमले को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारी एक पुलिसकर्मी की कार छीनने का प्रयास कर रहा था. जब उसे रोका गया, तो उसने एक तेज वस्तु से एसएचओ पर हमला कर दिया. उसे मुकरबा चौक के पास से गिरफ्तार किया गया है.

टीवी रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार रात 8 बजे एक प्रदर्शनकारी ने तलवार के बल पर पहले दिल्ली पुलिस के एक जवान की कार छीनने का प्रयास किया,जब पुलिस ने उसका पीछा किया तो वो मुकरबा चौक पर कार छोड़कर एक स्कूटी लेकर फिर भाग खड़ा हुआ. इस दौरान इस शख्स ने एसएचओ पर तलवार के हमला कर दिया. तलवार के हमले में उनकी जान बाल-बाल बच गई.

इधर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 80 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमी दूर करने के लिए कहा है.

Also Read: दिल्ली में कम हो रही किसानों भीड़, Rail Roko Andolan में भीड़ जुटाने का यह है किसान नेताओं का प्लान

11 दौर की वार्ता : कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन नेताओं को जनता, विशेष रूप से किसान समुदाय के बीच जाकर तीन नए कृषि कानूनों के बारे में गलत धारणाएं और गलतफहमी को दूर करने के लिए कहा.

सिंघू, टिकरी बॉर्डर पर भीड़ छंटी : किसानों के प्रमुख प्रदर्शन स्थलों- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ अब कम होती दिखाई दे रही है, लेकिन किसान नेता अपने आंदोलन को पहले से ज्यादा मजबूत बता रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर “लंगरों” और टेंटों के खाली होने के बावजूद, किसान नेता जोर देकर कह रहे हैं कि आंदोलन में शामिल होने के लिए अधिक लोग जुट रहे हैं. भीड़ केवल एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जा रही है, ताकि आंदोलन को विकेंद्रीकृत किया जा सके.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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