कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन करते करीब एक महीना हो चुका है. सरकार की ओर से ताजा संशोधनों का प्रस्ताव भी आया जिसे किसानों ने ठुकराने का काम किया है, किसानों की मांग है कि सरकार बिना किसी शर्त के साथ बातचीत करे. किसान अब भी तीनों कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी बीच आज किसानों के मामले पर ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में विपक्ष मार्च निकालने की तैयारी में जुट था लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली.
खबरों की मानें तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के पक्ष में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की तैयारी में थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. हालांकि, राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जा सकेंगे. यही नहीं नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.
किसानों को देश द्रोही कहना पाप : राष्ट्रपति से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. हिरासत में लिये जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि हम राजनीतिक दल हैं और हमें किसानों का समर्थन करने का अधिकार है. किसानों की बात सरकार को सुननी चाहिए. किसानों को देश द्रोही कहना पाप है. किसानों के लिए सरकार के दिल में कोई जगह नहीं है. किसानों को कोई बरगला नहीं रहा है.
It is a sin to use the kind of names they (BJP leaders & supporters) used for farmers. If Govt is calling them anti-nationals, then the govt is a sinner: Congress leader Priyanka Gandhi https://t.co/alLztWn5bS pic.twitter.com/t05DbhtfJL
— ANI (@ANI) December 24, 2020
जवान किसान का बेटा होता है : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगे कहा कि जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है, अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है तो उस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है?
राहुल गांधी का ट्वीट : इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर हमला किया है. राहुल ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा. इससे पहले मार्च के बाद राहुल और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मुलाकात करने का प्रोग्राम था. कांग्रेसी नेता राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौपने वाले हैं जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने की अपील की गई है.
केसी वेणुगोपाल ने कहा : इस मार्च को लेकर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी करके यह आरोप लगाने का काम किया है कि केंद्र सरकार ने पहले ‘कृषि विरोधी कानून’ बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था. इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं.
कांग्रेस का दावा : कांग्रेस ने दावा किया है कि भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है. अहंकारी मोदी सरकार ने पहले किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री किसानों का अपमान भी कर रहे हैं.
भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।
इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।https://t.co/iZ6Hgnunzw
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
भाजपा का पलटवार : मामले को लेकर पूरा विपक्ष किसानों के साथ खडा नजर आ रहा है जिसपर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा किसानों को गुमराह करके भड़काया जा रहा है. भाजपा ने कहा है कि सत्ता में रहते हुए उन दलों ने किसानों का शोषण किया. सरकार ने किसानों के कल्याण के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का काम किया है. हमें उम्मीद है कि किसान संघ अपना प्रदर्शन वापस ले लेंगे.
Posted By : Anitabh Kumar