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Kisan Andolan Live: सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को किसानों ने किया खारिज, 26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन की चेतावनी

Kisan Andolan Live Updates : राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन पिछले 46 दिनों से लगातार जारी है. मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों के लिए आज का दिन अहम साबित हो सकता है. कृषि कानूनों से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है. किसान आंदोलन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में कल भी सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सरकार से कहा कि इस मामले पर फटकार लगायी थी और कहा था कि आप सही तरीके से इस आंदोलन को हैंडल नहीं कर पाए. किसान आंदोलन से जुड़ी हर खबर के लिए बने रहे prabhatkhabar.com के साथ...

लाइव अपडेट

26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन की चेतावनी

किसानों ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को वो सम्मान करते हैं, लेकिन जो आदेश दिया गया है, उससे हमारे आंदोलन को ठंडा करने का प्रयास किया जा रहा. सरकार की मंशा है कि वे ऐसा कर हमें बॉर्डर से हटा देंगे, लेकिन हम साफ कर देते हैं कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तब तक हम यहां से नहीं हिलेंगे. किसान नेताओं ने कहा, 26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा 13 जनवरी को लोहड़ी में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां भी जलाने की चेतावनी दे डाली.

कमेटी का मतलब मामला ठंडे बस्ते में

किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कमेटी का मतलब है कि मामला ठंडे बस्ते में चला गया. किसान नेताओं ने कमेटी के सामने पेश होने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, सदस्यों के नाम बदल देंगे, तबभी कमेटी से नहीं मिलेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को किसानों ने किया खारिज, 26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन की चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायी गयी चार सदस्यीय कमेटी को किसानों ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने, 26 जनवरी को ऐतिहासिक प्रदर्शन की चेतावनी दी डाली है.

कमेटी में यो लोग होंगे शामिल 

सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपेन्द्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल धनवंत शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर लगायी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर लगाया रोक. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर नोटिस जारी किया जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की मांग की गई थी.

किसान अनिश्चित काल तक दे सकते है धरना-CJI

चीफ जस्टिस ने कहा कि कानून पर हम एक समिति बना रहे हैं ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो. हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान समिति में नहीं जाएंगे। हम समस्या को हल करने के लिए देख रहे हैं. यदि आप (किसान) अनिश्चित काल के लिए आंदोलन करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की.

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कोर कमेटी की बैठक करेंगे. इसके बाद, हम अपनी कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है.

किसानों को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद

 15 जनवरी को होने वाली है बैठक 

बता दें कि 15 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच एक बार फिर से बैठक होने वाली है. इसके पहले आज कोर्ट का फैसला आयेगा. वहीं सरकार ने उम्मीद जतायी है कि इस बार बैठक में कोई न कोई हल निकाल लिया जायेगा.

ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि किसानों ने 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में बड़ी ट्रैक्टर रैली करने की घोषणा की है.

समिति बना सकती है कोर्ट 

बता दें कि सुनवाई के दौरान कल कोर्ट ने संकेत देते हुए स्पष्ट किया है कि वह कानून के अमल पर रोक लगाएगा और इस मसले के समाधान के लिए समिति बनायेगा.

कृषि कानूनों पर आज आ सकता है फैसला

नए कृषि कानून रद्द करने समेत किसान आंदोलन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. सोमवार को हुआ सुनवाई में कोर्ट ने केन्द्र सरकार को जमकर फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा था कि कहा कि जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह बेहद निराश है.

किसानों ने कही ये बात 

वहीं किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि यदि सरकार अथवा उच्चतम न्यायालय तीन नए कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा देता है, तब भी वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे. किसान नेताओं ने अपनी निजी राय बताते हुए कहा कि रोक लगाना कोई समाधान नहीं है और वैसे भी यह तय वक्त के लिये होगी.

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