Kisan Andolan: टीकरी सीमा से घर लौट रहे पंजाब के दो किसानों की हिसार में मौत
Kisan Andolan: किसान अपने-अपने घरों को लौट गये हैं. जगह-जगह रास्ते में उनका स्वागत किया गया. पंजाब सरकार ने आंदोलन में मारे गये 11 किसानों के परिजनों को नौकरी दी. ताजा अपडेट के लिए बनें रहें हमारे साथ...
मुख्य बातें
Kisan Andolan: किसान अपने-अपने घरों को लौट गये हैं. जगह-जगह रास्ते में उनका स्वागत किया गया. पंजाब सरकार ने आंदोलन में मारे गये 11 किसानों के परिजनों को नौकरी दी. ताजा अपडेट के लिए बनें रहें हमारे साथ…
लाइव अपडेट
किसानों के घर लौटते ही सिंघू बॉर्डर पर कबाड़ियों की चांदी
एक वर्ष के लंबे प्रदर्शन के बाद शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के घर लौटने के बाद सिंघू बॉर्डर पर कबाड़ी बांस के खंभे, तिरपाल, प्लास्टिक और लकड़ियां इकट्ठा करने में व्यस्त दिखे. सोनीपत के कुंडली में सिंघू बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ करीब पांच किलोमीटर लंबी सड़क किसानों का धरना स्थल थी, जिन्होंने वहां अस्थायी ढांचे खड़े कर रखे थे. इनमें प्रसाधन कक्ष और रसोई घर सहित आवास सुविधा भी थी.
किसानों पर विमान से हुई पुष्पवर्षा, NRI ने की जहाज की व्यवस्था
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के सिंघू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) छोड़ने से पहले उन पर हवाई जहाज से फूलों की बारिश की गयी. इसके लिए एक एनआरआई ने जहाज की व्यवस्था की थी.
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दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर खाली करने से पहले किसानों ने की अरदास
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा को खाली करने से पहले किसानों ने गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर ‘अरदास’ की.
टीकरी सीमा से घर लौट रहे पंजाब के दो किसानों की हिसार में मौत
हरियाणा के हिसार जिले में एक ट्रक और ट्रैक्टर ट्रॉली के बीच टक्कर में ट्रॉली सवार कम से कम दो किसानों की मौत हो गयी. किसान आंदोलन की समाप्ति की घोषणा के बाद दिल्ली की टीकरी सीमा से ये लोग वापस अपने घर लौट रहे थे. पुलिस ने बताया कि इस हादसे में एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना हिसार जिले के धंदूर गांव में हुई. किसान पंजाब के मुक्तसर जिले के रहने वाले थे और किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद अपने घर लौट रहे थे.
अरविंद केजरीवाल का ट्वीट
किसानों की घर वापसी पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और जीवटता को मेरा सलाम...
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किसानों की घर वापसी के कारण सड़कों पर भीड़, दिल्ली-सोनीपत-करनाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम
आंदोलन की समाप्ति के बाद किसान अपने घर की ओर कूच कर रहे हैं. इस कारण दिल्ली-सोनीपत-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर शनिवार को भीड़ बढ़ गई जिसका असर ट्रैफिक पर नजर आ रहा है. आपको बता दें कि किसान आज से ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के काफिले से अपने गृह राज्यों पंजाब और हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर लौट रहे हैं.
किसानों की रवानगी जारी
बॉर्डर से किसानों की रवानगी जारी है. इसको लेकर कई वीडियो आ रहे हैं.
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भावनाएं उत्साह बनकर उमड़ रही है
एक सफल आंदोलन के बाद पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में किसानों के अपने घरों के लिए रवाना होने के साथ ही भावनाएं उत्साह बनकर उमड़ने लगीं. रंग-बिरंगी रोशनी से सजे ट्रैक्टर जीत के गीत गाते हुए विरोध स्थलों से निकल रहे हैं और रंगीन पगड़ियां बांधे बुजुर्ग युवाओं के साथ नृत्य करते नजर आ रहे हैं.
किसानों ने विजय मार्च निकाला
किसानों ने सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर राजमार्गों पर नाकेबंदी हटा दी और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी के लिए एक समिति गठित करने सहित उनकी अन्य मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र के लिखित आश्वासन का जश्न मनाने के लिए एक 'विजय मार्च' निकाला.
साल भर के आंदोलन के बाद घर लौटने लगे किसान
ट्रैक्टरों के बड़े-बड़े काफिलों के साथ पिछले साल नवंबर में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे आंदोलनरत किसानों ने शनिवार की सुबह अपने-अपने गृह राज्यों की तरफ लौटना शुरू कर दिया. साल भर से ज्यादा वक्त तक अपने घरों से दूर डेरा डाले हुए ये किसान अपने साथ जीत की खुशी और सफल प्रदर्शन की यादें लेकर लौट रहे हैं.
हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे वापस : राकेश टिकैत
गाज़ीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हज़ारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे.
‘बोले सो निहाल' का नारा
युवा और बुजुर्गों ने पिछले एक साल में दिल्ली-करनाल सड़क के लंबे धूल भरे खंड पर बनाए गए मजबूत अस्थायी ढांचे को तोड़ने के लिए एक साथ मिलकर काम किया. जोश पैदा करने के लिए वे लगातार ‘बोले सो निहाल' का नारा लगा रहे थे.
नेता राकेश टिकैत ने कहा
गाजीपुर बॉर्डर पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह कल सुबह 8 बजे इलाके को खाली कर देगा. आज की बैठक में, हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की है. किसानों ने इलाके को खाली करना शुरू कर दिया है. पूरी प्रक्रिया में 4-5 दिन लगेंगे. उन्होंने कहा कि मैं 15 दिसंबर को यहां से निकलूंगा.
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किसानों का जश्न
किसान बॉर्डर पर जश्न मना रहे हैं. टिकरी बॉर्डर से यह वीडियो सामने आया है.
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भारी यातायात जाम
शुक्रवार को बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के रवाना होने से भारी यातायात जाम लग गया. इसी तरह प्रदर्शन की शुरुआत में तब लंबा जाम लग गया था जब विभिन्न राज्यों से प्रदर्शनकारियों ने यहां के लिए कूच किया था.
बरनाला के हरजोत सिंह ने कहा
पंजाब के बरनाला के हरजोत सिंह ने कहा कि जिन लोगों के पास थोड़ा सामान था, वे बृहस्पतिवार शाम को घर के लिए रवाना हो गए. कुछ शुक्रवार को गये. जिन्होंने बड़े तंबू लगाए थे और जिनके पास ज्यादा सामान है, वे शनिवार को जाएंगे.
किसान आज घर जाएंगे
किसान संघों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा की थी. केंद्र के कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर एक साल पहले उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. सरकार द्वारा विवादास्पद कानूनों को वापस लेने के हफ्तों बाद किसान आज घर जाएंगे.
तंबू उखाड़नेे शुरू
कुछ रंगबिरंगी रोशनी से जगमग ट्रैक्टर प्रदर्शन स्थल से शुक्रवार को रवाना हुए. इनमें जीत का जश्न मनाने वाले गीत बज रहे थे. बुजुर्गों ने रंगबिरंगी पगड़ियां पहनी और युवाओं के साथ नाचे. किसानों के इस प्रदर्शन स्थल पर शुक्रवार को सीढ़ी, तिरपाल, डंडे और रस्सियां बिखरी पड़ी थीं क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों ने अपने तंबू उखाड़ लिए, अपना सामान बांध कर उन्हें ट्रकों पर लादना शुरू कर दिया है.
सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने तंबू उखाड़ने शुरू किए
तीनों कृषि कानून केंद्र सरकार द्वारा वापस लिये जानें के बाद किसानों के प्रदर्शन स्थल में से एक सिंघू बॉर्डर का बड़ा हिस्सा शुक्रवार को खाली हो गया. बड़ी संख्या में किसान अपना सामान बांधकर ट्रैक्टरों पर घरों की ओर रवाना हो गए जबकि अन्य लोग अपने तंबुओं को उखाड़ने के काम में घंटों लगे रहे, जो उन्होंने प्रदर्शन शुरू होने पर पिछले साल लगाए थे.