नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कृषि कानूनों (Farm Laws) पर कहा कि देश के किसानों के हित में इन कानूनों को लाया गया है. ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि मंडी को बंद कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन देश के किसान (Kisan Andolan) पहले इसे लागू होने दें और एक-दो साल देख लें. अगर इस दौरान किसानों को कोई नुकसान होता है तो सरकार कानून में हर वो संशोधन करेगी, जिसकी मांग किसान करेंगे.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर हरियाण और पंजाब के हजारों किसान पिछले 30 दिनों से जमे हुए हैं. राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि किसी भी कीमत पर एमएसपी को समाप्त नहीं किया जायेगा. आज हम भी किसानों को वचन देते हैं कि एमएसपी को समाप्त नहीं किया जा रहा है.
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि किसानों से इस मुद्दे पर सार्थक बात हो. हम किसानों से अपील करते हैं कि इस कानून पर हमारे साथ बैठिए और चर्चा कीजिए. आप जिस भी कृषि विशेषज्ञ को अपने साथ लाना चाहते हैं, चर्चा में उन्हें भी ले आइए और पूरे कानून को अच्छे से समझ लीजिए. हमारी सरकार किसानों से हर मुद्दे पर बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार है.
Also Read: किसान से सवाल पूछ PM मोदी ने विपक्ष को दिया करारा जवाब, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कही ये बात
राजनाथ ने कहा कि धरने पर बैठे लोग किसान हैं और किसान परिवारों में जन्मे हैं. हम उनके प्रति बहुत सम्मान रखते हैं. मैं स्वयं किसान का बेटा हूं. मोदी सरकार कभी ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में नहीं हो. उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान बातचीत से निकल सकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें न्योता भेजा है.
सिंह ने सभी आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम में आज कहा कि सरकार उन लोगों के साथ भी बातचीत करने को तैयार है जो अलग विचारधारा के चलते सरकार के खिलाफ हैं. लेकिन बातचीत तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए. मोदी ने कहा कि नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों के मन में कुछ आशंकायें जरूर रही होंगी लेकिन राजनीतिक एजेंडा लेकर चलने वाले लोग बीच में आकर नयी मांगे रख देते हैं जिनका इन कानूनों से कोई लेना देना नहीं है.
Posted By: Amlesh Nandan.