किसानों की मांग को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे विरोध प्रदर्शन करेंगे. यह आंदोलन अन्ना हजारे महाराष्ट्र स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में करेंगे. विरोध प्रदर्शन 30 जनवरी से शुरू होगा. अन्ना हजारे ने अपील की है कि इस आंदोलन के समर्थन में लोग अपनी- अपनी जगहों से ही विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं.
आंदोलन की जानकारी देते हुए उन्होंने एक रिलीज भी जारी की है इसमें उन्होंने कहा, मैं किसानों की मांग के साथ हूं और आंदोलन पहले से भी करता रहा हूं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री और कृषिमंत्री को चिट्ठी की भी लिखी. सरकार इस मामले में संवेदनशील नहीं है.
मैंने इस मांग को लेकर 23 मार्च 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया था उस वक्त मुझे लिखित आश्वासन मिला था इसमें स्वामिनाथन आयोग की शिाफिरसें लागू करने का आश्वासन दिया था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया.
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इस मांग पर जब कार्रवाई नहीं हुई तो मैंने 30 जनवरी 2019 से रालेगणसिद्धी में अनशन करना पड़ा. 5 फरवरी 2019 को केंद्री कृषिमंत्री और महाराष्ट्र के तात्कानिल मुख्यमंत्री आये औऱ भरोसा दिया, लिखित में दिया लेकिन अबतक कोई काम नहीं हुआ.
अब 30 जनवरी 2021 महात्मा गांधीजी के पुण्यतिथि के दिन एक बार फिर अनशन कर रहा हूं जो भी इस आंदोलन में मेरा साथ देना चाहते हैं वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर सकते हैं. अन्ना हजारे ने भीड़ जमान करने का विरोध किया है. शांति को आंदोलन की शक्ति बताया है.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का उनका गांव रालेगण सिद्धि कई मायनों में खास है. इसी गांव में अन्ना हजारे आमरण अनशन पर बैठेंगे. अन्ना हजारे दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करना चाहते थे लेकिन उन्हें मांगी गयी अनुमति के जवाब में कुछ नहीं बताया गया.
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अन्ना हजारे जनलोकपाल आंदोलन के वक्त उसके प्रमुख चेहरे थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ और अच्छे प्रशासन के लिए अनशन करते रहे हैं. महाराष्ट्र में अन्ना कई बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन जनलोकपाल आंदोलन ने अन्ना को घऱ – घर में पहचान दिला दी यह आंदोलन साल 2011 में किया गया था.