Kisan Andolan News : सड़क पर लोहे की कीलें, रास्तों पर लगाये गये बाड़े, किसानों को रोकने के लिए ऐसी है पुलिस की मोर्चाबंदी, देखें तसवीरें
Kisan Andolan News, kisan andolan violence, farmers protest violence केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसान अब भी जमे हुए हैं. इधर किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी अच्छी-खासी तैयारी कर ली है. दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस मोर्चाबंदी कर रही है. जिसमें लोहे की कीलें और छड़ों का प्रयोग किया जा रहा है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसान अब भी जमे हुए हैं. इधर किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी अच्छी-खासी तैयारी कर ली है. दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस मोर्चाबंदी कर रही है. जिसमें लोहे की कीलें और छड़ों का प्रयोग किया जा रहा है.
किसानों के प्रदर्शन के मुख्य स्थल सिंघू बार्डर पर श्रमिक सीमेंट के अवरोधकों की दो कतारों के बीच लोहे की छड़ें लगाते हुए देखे गये ताकि नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की आवाजाही सीमित की जा सके.
इस दिल्ली- हरियाणा बार्डर का एक अन्य हिस्सा अब एक प्रकार से बंद कर दिया गया क्योंकि सीमेंट की अस्थायी दीवार खड़ी कर दी गयी है. राजमार्ग पर अस्थायी दीवार के अलावा पहले राजमार्ग से थोड़ी दूर पर नींव खोदी गयी थी और दोनों तरफ से सीमेंट के अवरोधक लगाये गये थे. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सड़क पर लोहे की कीलें भी लगायी जा रही हैं.
Also Read: Delhi Violence : अब तक 44 FIR, 122 उपद्रवी गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस की आम लोगों से अपील- अफवाहों पर नहीं दें ध्यानमालूम हो 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिन बाद यह कदम उठाया गया है. सिंघू बार्डर पर हाल ही में किसानों और स्थानीय होने का दावा कर रहे कुछ लोगों के बीच झड़प हुई थी. यह बार्डर 60 से अधिक दिनों से किसान प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है.
किसानों और नेताओं का जोश हाई
भले ही दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को रोकने के लिए मोर्चाबंदी की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी किसानों और नेताओं का जोश कम नहीं हुआ है. किसान नेताओं ने कहा, हमारे चारों ओर डाले गये ये अवरोधक हमारे जोश को कैद नहीं कर सकते. उन सभी ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को ‘ इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची गयी थी’ तथा ऐसे और भी प्रयास किये जा रहे हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra