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किसान नेता ने कहा, हम हमेशा बातचीत को तैयार
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बगैर तीनों बिल वापस लिये खत्म नहीं होगा आंदोलन
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एमएसपी पर कड़ा कानून बनाने की मांग
तीनों कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हमारी घर वापसी तभी संभव है जब तीनों कानून को वापस ले लिया जाये. हमारा मंच और पंच इस पर आज भी कायम है. सिंघु बोर्डर हमारा दफ्तर बना रहेगा.
अगर केंद्र सरकार अभी बात करना चाहते, दस दिनों के अंदर बात करें या अगले साल करे हम तैयार हैं. हम तबतक दिल्ली नहीं जायेंगे जबतक दिल्ली बोर्डर में लगायी गयी बड़ी- बड़ी मेटल की कील हटा नहीं ली जाती.
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किसान कृषि बिल को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की अपनी मांग पर अब भी अड़े हुए हैं. इस बीच किसान आंदोलन में सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर अपनी मांग को दोहराया है. पहले भी आंदोलन के दौरान वह स्पष्ट कर चुके हैं कि बगैर तीनों कृषि कानूनों की वापसी के आंदोलन खत्म नहीं होगा.
राकेश टिकैत ने पहले भी एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में साफ कर दिया था कि मैं नेता नहीं किसान हैं. नेता तो बड़ी-बड़ी कोठियों में रहते हैं. टिकैत ने सरकार के साथ-साथ विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया. आंदोलन में विपक्षी नेताओं के पहुंचने वाले सवाल पर उन्होंने कहा, अगर ये संसद में हल्ला-गुल्ला करते तो यह हाल ही नहीं होता. कमजोर विपक्ष के चलते देश का हाल ऐसा है.
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तीनों कृषि कानूनों के साथ- साथ राकेश टिकैत एमएसपी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना ही होगा. इसके साथ ही एमएसपी से जो भी कम रेट में फसल खरीदे उसके खिलाफ क्रिमिनल केस होना चाहिए. एमएसपी रेट पर फसल खरीद के सवाल पर टिकैत ने कहा, एमएसपी फिलहाल कागज पर है. एमएसपी पूरे देश में कहीं नहीं है. तीनों कृषि कानून वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.