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Kisan Andolan : दिल्ली बॉर्डर पर तीन और किसानों की मौत, 40 का आंकड़ा हो चुका है पार, जारी है आंदोलन

किसान आंदोलन खत्म होने के नाम नहीं ले रहा. विरोध प्रदर्शन के कारण कई किसान अभी सड़कों पर जमें है. किसान आंदोलन को ठंड और बारिश भी खत्म नहीं कर पा रहे. इस विरोध प्रदर्शन में अबतक 40 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान दे दी है. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे तीन किसानों की मौत हो गई.

किसान आंदोलन खत्म होने के नाम नहीं ले रहा. विरोध प्रदर्शन के कारण कई किसान अभी सड़कों पर जमें है. किसान आंदोलन को ठंड और बारिश भी खत्म नहीं कर पा रहे. इस विरोध प्रदर्शन में अबतक 40 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान दे दी है. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे तीन किसानों की मौत हो गई.

यह जानकारी रविवार को पुलिस ने दी. उन्होंने बताया कि एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, एक अन्य किसान बुखार से पीड़ित था जबकि तीसरे किसान की मौत का कारण पता नहीं चला है. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान पंजाब के संगरूर जिले के लिधरा गांव के रहने वाले शमशेर सिंह (करीब 45 वर्ष), पंजाब के बठिंडा जिले के चाउके गांव के रहने वाले जशनदीप सिंह (18) और हरियाणा के जींद के रहने वाले जगबीर सिंह (60) के तौर पर हुई है .

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शमशेर सिंह सिंघू बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल थे जबकि जगबीर सिंह टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शमशेर ने रविवार की सुबह सीने में दर्द होने की शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा. बहादुरगढ़ थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जगबीर की टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई. पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई.

उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया. पुलिस ने कहा कि जशनदीप की मौत शनिवार की शाम को हुई. वह टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने गए थे. जशनदीप बुखार से पीड़ित थे और उन्हें रोहतक के पीजीआईएमएस ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से अधिक समय से धरना दे रहे हैं.

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इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने केंद्र से किसानों की मांग मान लेने की अपील की. सोनीपत में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि स्थिति ‘‘चिंताजनक” है क्योंकि पिछले 24 घंटे में कुछ प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो चुकी है.

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