Kisan Andolan News : क्या खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन ? नड्डा, शाह ने की किसान नेताओं के साथ बैठक
Kisan Andolan News, farmers protest delhi news, JP Nadda, Amit Shah, farmer leaders केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 80 दिनों से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की. अब शाह और नड्डा की किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद संभाना जतायी जा रही है कि किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 80 दिनों से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की. अब शाह और नड्डा की किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद संभाना जतायी जा रही है कि किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है.
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे. इनके अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, सांसद सत्यपाल सिंह सहित कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए.
ज्ञात हो कि कृषि कानूनों को लेकर सबसे अधिक नाराजगी पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों में देखी गई है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक इन राज्यों में हो रही खाप पंचायतों के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई है. दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे किसानों में अधिकांश इन्हीं राज्यों के हैं. कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका.
इधर किसानों के प्रमुख प्रदर्शन स्थलों- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ अब कम होती दिखाई दे रही है, लेकिन किसान नेता अपने आंदोलन को पहले से ज्यादा मजबूत बता रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर लंगरों और टेंटों के खाली होने के बावजूद, किसान नेता जोर देकर कह रहे हैं कि आंदोलन में शामिल होने के लिए अधिक लोग जुट रहे हैं.
भीड़ केवल एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जा रही है, ताकि आंदोलन को विकेंद्रीकृत किया जा सके. क्रांतिकारी किसान यूनियन (पंजाब) के अवतार सिंह मेहमा ने कहा, भीड़ बिल्कुल भी कम नहीं हो रही है. हम बस आंदोलन को विकेंद्रीकृत करने और अन्य राज्यों के गांवों तथा जिलों में लोगों को जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, न कि केवल पंजाब और हरियाणा में. उन्होंने कहा, अगर पंजाब में लहर पैदा करने में कुछ महीने लगे, तो पूरे देश में ऐसा प्रभाव पैदा करने में थोड़ा और समय लगेगा, लेकिन हमारे आंदोलन का वेग कम नहीं हो रहा है. वास्तव में, हमारे नजरिये से, यह हर दिन और मजबूत ही हो रहा है. किसान आंदोलन तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
Posted By – Arbind kumar mishra