केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से अधिक समय से दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर हजारों किसान जमे हुए हैं. सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता विफल रही है. किसान कृषि बिल को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की अपनी मांग पर अब भी अड़े हुए हैं. इस बीच किसान आंदोलन में सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज चैनल आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में केंद्र सरकार से लेकर विपक्ष तक को अपना निशाना बनाया. साथ ही उन्होंने दिल्ली हिंसा से लेकर, चुनाव लड़ने की बात भी बेवाकी से अपना पक्ष रखा. आइये वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चवला के साथ उन्होंने कार्यक्रम में क्या-क्या बातें कहीं इसको जानें.
विचार की क्रांति को बंदूक से नहीं दबाया जा सकता
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, सरकार आंदोलन को दबाने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन एक बात तो साफ है कि विचारों की क्रांति को बंदूक से नहीं दबाया जा सकता. उन्होंने कहा, सरकार जब तक कृषि बिल वापस नहीं लेती और एमएसपी पर कानून नहीं बनाती, आंदोलन खत्म नहीं होगा.
26 जनवरी दिल्ली हिंसा सरकार की साजिश
26 जनवरी को दिल्ली हिंसा पर पूछे गये सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, ट्रैक्टर रैली के पीछे सरकार की साजिश थी. सरकार ने दिल्ली पुलिस को बंधक बना लिया था. किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए एक रास्ते को बैरीकेडिंग की गई और दूसरे रास्ते से किसानों को जाने दिया गया. उन्होंने साफ कर दिया दिल्ली हिंसा में उनकी कोई गलती नहीं है. टिकैत ने कहा, हिंसा के लिए वो क्यों माफी मांगे, बल्कि सरकार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
नेता नहीं किसान हूं, विपक्ष कमजोर
राकेश टिकैत ने सीधी बात में कहा कि वो नेता नहीं किसान हैं. उन्होंने कहा, नेता तो बड़ी-बड़ी कोठियों में रहते हैं. टिकैत ने सरकार के साथ-साथ विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया. आंदोलन में विपक्षी नेताओं के पहुंचने वाले सवाल पर उन्होंने कहा, अगर ये संसद में हल्ला-गुल्ला करते तो यह हाल ही नहीं होता. कमजोर विपक्ष के चलते देश का हाल ऐसा है.
एमएसपी से कम रेट पर खरीद पर क्रिमिनल केस हो
राकेश टिकैत ने एमएसपी पर कहा, सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना ही होगा. इसके साथ ही एमएसपी से जो भी कम रेट में फसल खरीदे उसके खिलाफ क्रिमिनल केस होना चाहिए. एमएसपी रेट पर फसल खरीद के सवाल पर टिकैत ने कहा, एमएसपी फिलहाल कागज पर है. एमएसपी पूरे देश में कहीं नहीं है.
जो राजनीति नहीं, उससे खतरनाक कोई नहीं
राजनीति के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, जो राजनीति नहीं, उससे खतरनाक कोई नहीं हो सकता है. उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें चुनाव लड़ने का कोई शौक नहीं है. उन्होंने बताया कि एक बार निर्दलीय चुनाव लड़ा था. दूसरी बार आरएलडी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन दोनों बार जमानत जब्त हो गयी थी. यूपी चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, हमें चुनाव नहीं लड़ना है. उन्होंने कहा, चुनाव लड़ना सबसे बड़ी बीमारी है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमें वोट देने का हक है, तो चुनाव लड़ने का भी हक है.