पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को लेकर ऐसी बात कही है जिसपर राजनीति तेज हो सकती है. दरअसल उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के बजाय दिल्ली की सीमाओं या हरियाणा में धरना-प्रदर्शन करें. सिंह ने किसानों से कहा कि पंजाब में 113 स्थानों पर चल रहे उनके आंदोलन से राज्य के आर्थिक विकास में रुकावट पैदा हो रही है. इसलिए वे दिल्ली की सीमाओं पर जाकर केंद्र पर दबाव बनाएं.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि यह आपका पंजाब है, आपके गांव हैं, आपके लोग हैं. आप दिल्ली (सीमा) पर जो करना चाहते हैं, वह करें, उनपर (केंद्र) दबाव बनाएं और उन्हें सहमत करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि पंजाब में भी 113 जगहों पर किसान बैठे हैं? इससे क्या लाभ होगा? पंजाब को आर्थिक नुकसान होगा. वे (अन्य किसान) इसे दिल्ली (सीमाओं) और हरियाणा में कर रहे हैं. आप भी इसे वहीं करें.
अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि किसान उनका अनुरोध स्वीकार करेंगे. मुखलियाना गांव में 13.44 करोड़ रुपये की लागत वाले सरकारी कॉलेज की आधारशिला रखने के बाद होशियारपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को विकास की जरूरत है. सिंह ने केंद्र से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का भी आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने शुरू में कृषि अध्यादेशों का समर्थन करने और बाद में किसानों के आक्रोश का सामना करने के बाद इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने के लिए बादल परिवार की निंदा की. किसानों से पंजाब के मुख्यमंत्री की इस अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा सरकार के गृह मंत्री ने अनिल विज कहा कि यह ‘‘गैरजिम्मेदाराना” बयान है. उन्होंने सिंह पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया. विज ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि आप जो भी करना चाहते हैं वह हरियाणा अथवा दिल्ली की सीमाओं पर करें न कि पंजाब में. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का यह बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना है.
अनिल विज ने कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि अमरिंदर सिंह ने किसानों को भड़काने का काम किया है.
Posted By : Amitabh Kumar