Kisan Andolan : राकेश टिकैत ने कहा- आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा,लंबी है तैयारी
Kisan Andolan : केंद्र की मोदी सरकार और किसानों के बीच तकरार लंबी चलने वाली है. दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है. Rakesh Tikait, Farmers protest, Tikait farmers protest, Rakesh Tikait India tour, farm laws
Kisan Andolan : केंद्र की मोदी सरकार और किसानों के बीच तकरार लंबी चलने वाली है. दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है…
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) को और धार देने की तैयारी चल रही है. इसी क्रम में समर्थन जुटाने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) मार्च में पांच राज्यों का दौरा करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक पदाधिकारी ने इस बाबत पिछले दिनों कहा कि बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा टिकैत एक मार्च से दौरे की शुरुआत करेंगे.
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि मार्च में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में किसानों की बैठक की तैयारी चल रही है. उत्तर प्रदेश में भी दो बैठकें होंगी. उन्होंने ने कहा कि राजस्थान में दो बैठकें और मध्य प्रदेश में तीन बैठकें होंगी. 20, 21 और 22 मार्च को अंतिम तीन बैठकें कर्नाटक में होंगी.
जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #Farmlaws pic.twitter.com/YCf846A7gU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2021
मलिक ने कहा कहा कि तेलंगाना में छह मार्च को एक कार्यक्रम निर्धारित है, लेकिन राज्य में कुछ चुनावों के कारण हमें अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि यदि अनुमति मिल जाती है, तो तेलंगाना में बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीकेयू करेगी.
यहां चर्चा कर दें कि नवंबर से ही सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों किसान तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने किसान यूनियनों के साथ 11 दौर की औपचारिक बातचीत की है. सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar