भारत में हो रहे किसान आंदोलन की चर्चा अब दूसरे देशों में भी हो रही है. कनाडा में हुई टिप्पणी पर भारत ने विरोध जताया लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत में हो रहे किसान आंदोलन पर टिप्पणी कर दी है. उन्होंने कहा. किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का आधिकार है. अधिकारियों को उन्हें विरोध करने देना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की इस टिप्पणी पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘भ्रामक’ और ‘गैर जरूरी’ बताया. भारत ने कहा, भारररत लोकतांत्रिक देश है और यह मामला आंतरिक मामलों से जुड़ा है.
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शुक्रवार को इस मामले पर यूएन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, मैंने पहले भी इस तरह का मुद्दा उठाने वाले लेोगों के विषय में कहा है कि अगर विरोध शांतिपूर्ण है तो उन्हें अधिकार है. अधिकारियों को यह विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत देनी चाहिए.
यूएन प्रवक्ता की इस टिप्पणी पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी प्रतिक्रिया दी उन्होंने कहा, , ‘हमने भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं.
इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों. ‘ मंत्रालय ने एक संदेश में कहा, ‘बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाए.
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भारत ने इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टप्पणी के बाद उच्चायुक्त को तलब किया था और उन्हें आंतरिक मामलों पर टिप्पणी को लेकर विरोध दर्ज किया था. भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर इस तरह की टिप्पणी जारी रहेगी तो दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ेगा.