Loading election data...

Kisan Andolan : 11 महीने बाद खुला टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर से बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू

बीते 21 अक्टूबर को किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली की तीनों सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चितकाल तक के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2021 12:28 PM

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान बीते 11 महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब दिल्ली टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर साफ-सफाई का काम शुरू हो गया है. दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर टिकरी बॉर्डर से पुलिस के बैरिकेड को हटा दिया गया है, जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुवार की देर शाम से टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन वाले प्रदर्शन स्थल को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है. पूरी रात बैरिकेडिंग हटाने के साथ ही सीमेंट की दीवारें, पत्थर और कीलों को हटाने का काम किया गया. दिल्ली पुलिस की ओर से जेसीबी और क्रेन की मदद से सीमेंट की दीवारों को गिरा दिया गया, जबकि पांच से सात लेयर के बैरिकेडिंग को पहले ही हटाया दिया गया था. संभावना यह जाहिर की जा रही है कि शुक्रवार की देर शाम तक टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली-बहादुरगढ़ लेन को पूरी तरह खोल दिया जाएगा.

इसके साथ ही, खबर यह भी है कि टिकरी बॉर्डर के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर से भी बेरिकेडिंग को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. पुलिस की ओर से बैरिकेड हटाए जाने के बाद गाजियाबाद से दिल्ली आने वाला रास्ता पूरी तरह से खुल जाएगा. फिलहाल, इस लेन पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान प्रदर्शन कर रहे थे. मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार, गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने सबसे पहले कंटीले तारों को हटाना शुरू कर दिया है.

Also Read: किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी सरकार ने यूरिया खाद पर बढ़ायी 500 रुपये की सब्सिडी

बता दें कि बीते 21 अक्टूबर को आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली की तीनों सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चितकाल तक के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने किसान यूनियनों को इस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

Next Article

Exit mobile version