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दिल्ली पुलिस ने कहा कि टूलकिट से भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की थी साजिश.
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टूलकिट के पीछे खालिस्तानी संगठन पोएटिक फाउंडेशन, जूम मीटिंग में हुई थी प्लानिंग
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4 फरवरी को टूलकिट बनाया गया था, गलत जानकारियां दी गई थी, किसान आंदोलन को बनाया हथियार
नयी दिल्ली : टूलकिट (Toolkit) मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि किसान आंदोलन को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने के लिए टूलकिट बनाया गया था. भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की एक साजिश थी. साइबर सेल (Cyber Cell) के पुलिस कमिश्नर प्रेम नाथ ने कहा कि टूलकिट जनवरी में बनाया गया था और इसमें कई प्रकार की गलत जानकारियां दी गयी थी. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को किसानों के बीच बड़ी अफवाह फैलाने की साजिश की गयी थी.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस टूलकिट को बनाने में खालिस्तानी समर्थक पोएटिक फाउंडेशन भी शामिल है. 11 जनवरी को जूम मीटिंग में इसकी प्लानिंग की गयी थी. इस मीटिंग में दिशा रवि भी मौजूद थी. उसके दो साथी निकिता और शांतनु भी इस मीटिंग में शामिल थे. इस मीटिंग में करीब 60 से 70 लोग थे. इस मीटिंग में यह भी चर्चा की गयी थी कि 26 जनवरी से पहले इस टूलकिट से ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जायेगा.
प्रेम नाथ ने बताया कि टूलकिट के माध्यम से किसान आंदोलन को लेकर गलत तथ्य विदेशों में प्रसारित करने की योजना थी. फिर विदेशों में भारत के दूतावास को टार्गेट करने की योजना थी. उन्होंने कहा कि टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट ओपन सोर्स में उपलब्ध थे. उनकी जांच की गई थी. जब जांच में जानकारी मिल गई तो 9 फरवरी को टूलकिट के एक एडिटर निकिता जैकब के खिलाफ सर्च वॉरंट हासिल कर लिया गया था.
बता दें कि दिशा रवि (21) को गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली की एक अदालत ने उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने बताया कि निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इन पर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे संपर्क में होने का आरोप है. पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए मुंबई और अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही है.
दिल्ली पुलिस ने रविवार को भी दावा किया था कि दिशा रवि ने ‘टूलकिट गूगल डॉक’ का संपादन किया था और दस्तावेज को तैयार करने और उसे फैलाने की वह ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ हैं. पुलिस ने कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थी. टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशा-निर्देश तथा सामग्री होती है.
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सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने ‘टूलकिट’ दस्तावेज मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए सरकार से कहा है कि वह भारत के युवाओं को निशाना बनाना बंद करे. ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन’ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ उम्मीद हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ खुद की ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता है.
Posted By: Amlesh Nandan.