Farmers Protest केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वो आंदोलन छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाएं. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार उनके द्वारा बताई गई आपत्ती पर विचार करने के लिए तैयार है और इससे पहले भी कई बार बात हो चुकी है. इसके बाद भी उन्हें लगता है कि कोई बात बची है तो सरकार उस पर जरूर बात करेगी.
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व के तहत 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है. 27 सितंबर की सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे. आंदोलन स्थल पर गांव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान ही एनएच-24 और एनएच-9 को ट्रैफिक के लिए बंद कर देंगे. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं. वे किसान ही यहां भारत बंद की योजना के तहत कार्य करेंगे. यूपी के जनपदों से किसान उस दिन यहां नहीं आएंगे. वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे.
I urge farmers to adopt the path of discussion by leaving the path of protests. Central govt is ready to discuss any issues raised by farmers: Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister in Gwalior, Madhya Pradesh pic.twitter.com/L0yg2DhGwO
— ANI (@ANI) September 26, 2021
कांग्रेस और माकपा से लेकर राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सरीखे विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का एलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं. कई विपक्षी दलों ने इस बंद के समर्थन में सड़क पर उतरने का भी एलान कर दिया है. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं.
आप नेता राघव चड्डा ने ट्वीट कर कहा, आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा इन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं. आम आदमी पार्टी, संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है. वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद को पूर्ण समर्थन देगी. यह घोषणा राज्य के सूचना एवं परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया (नानी) ने शनिवार को की. इसके अलावा आंध्र सरकार ने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों का भी समर्थन करने की बात कही है. वाम दलों और तेलुगू देशम पार्टी ने पहले ही भारत बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.
इससे पहले बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जोर देकर कहा था कि कृषि सुधार कानूनों के जरिए किसानों को बाजार की स्वतंत्रता मिली है. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है. खेती को लाभकारी बनाने के लिए सरकार किसानों को मदद कर रही है. मांग आधारित और महंगी उपज वाली फसलों की खेती से इस क्षेत्र में युवाओं का आकर्षण बढ़ेगा। इसके माध्यम से ही अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे.
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