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गुजरात चुनाव 2022: BJP के इन 7 प्रत्याशियों के बारे में जानें, जो 5 या इससे अधिक बार रह चुके हैं विधायक

Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची पर नजर डाले तो पार्टी ने इस बार कम से कम सात ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है, जो पांच या इससे अधिक बार विधायक रह चुके हैं.

By Samir Kumar | November 23, 2022 5:01 PM

Gujarat Election 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी जहां एक ओर अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए इस चुनाव में पूरी अपनी पूरी ताकत के साथ जुटी है. इसी कड़ी में सभी प्रमुख सियासी दल उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लेकर बेहद गंभीर दिख रहे है. इन सबके बीच, गुजरात की सत्ता पर काबिज बीजेपी की ओर से कई ऐसे चेहरों को तरजीह दी गई है, जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट पैदा हो गई है.

बीजेपी के सात प्रत्याशी पांच या इससे अधिक बार रह चुके हैं विधायक

गुजरात चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची पर नजर डाले तो पार्टी ने इस बार कम से कम सात ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है, जो पांच या इससे अधिक बार विधायक रह चुके हैं. बीजेपी ने ऐसे पांच नेताओं को एक और कार्यकाल के लिए मैदान में उतारकर उन पर विश्वास जताया है. जबकि, एक नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

इस सूची में ये नाम है शामिल

बीजेपी द्वारा चुनावी मैदान में उतारे गए 5 उम्मीदवारों में मांजलपुर सीट से योगेश पटेल, द्वारका सीट से पबुभा माणेक, गरियाधर सीट से केशु नकरानी, भावनगर ग्रामीण सीट से पुरुषोत्तम सोलंकी, और नडियाद सीट से पंकज देसाई शामिल हैं. उनके अलावा, भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के संस्थापक छोटू वसावा और बीजेपी द्वारा टिकट से वंचित रखे गए मधु श्रीवास्तव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. पटेल, वसावा और माणेक सात बार विधानसभा चुनाव जीते हैं और आठवें कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. नकरानी और श्रीवास्तव 6 बार चुनाव जीत चुके हैं और सातवीं बार जीत की उम्मीद कर रहे है. देसाई एवं सोलंकी 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं और छठी बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं.

क्या है एक्सपर्ट की राय

राजनीति के जानकारों ने कहा कि ये नेता दशकों से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ तालमेल स्थापित करने में सफल रहे हैं. इसके अलावा, जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में हैं. लेकिन, इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण उनके नेतृत्व का गुण है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषक शिरीष काशीकर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने का उनका अनुभव और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ उनके दशकों पुराने विशेष संबंध उन्हें दूसरों के मुकाबले बढ़त देते हैं. काशीकर ने कहा कि इनमें से अधिकतर उम्मीदवार जमीनी स्तर के कार्यकर्ता रहे हैं और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि इन उम्मीदवारों का अपने समर्थकों के साथ तालमेल भी उनकी चुनावी जीत का अहम कारण है. बता दें कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को मतदान होगा और मतगणना 8 दिसंबर को की जाएगी.

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