Tripura Vidhan Sabha Chunav 2023: त्रिपुरा चुनाव में हर पार्टी ने जोर लगा दी है. यहां मुकाबला रोचक होने वाला है. इस बीच आपको बता दें कि त्रिपुरा चुनाव में इन दिनों सबसे ज्यादा किसी चर्चा हो रही है तो वह टिपरा मोथा पार्टी की और पार्टी प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की. तो आइए आपको आज इनके बारे में बताते हैं और चुनाव से संबंधित कुछ खास चीजों की चर्चा करते हैं.
दरअसल, त्रिपुरा चुनाव को दिलचस्प बनाने वाले टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा पूर्ववर्ती राजपरिवार के वंशज हैं. राजनीति के जानकारों की मानें तो प्रदेश में आदिवासी समाज के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. त्रिपुरा में 20 सीटें जनजातीय बहुल हैं और ये इस राज्य में सत्ता की कुंजी है.
भाजपा गठबंधन
भाजपा-55 सीट
आइपीएफटी-05 सीट
(अम्पीनगर में भाजपा-आइपीएफटी में दोस्ताना जंग)
माकपा-43 सीट
कांग्रेस-13 सीट
(फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी व भाकपा एक-एक सीट पर)
Also Read: Tripura Election 2023: जानें कौन बनेगा त्रिपुरा का किंगमेकर, ‘टिपरा मोथा’ पर सबकी नजरटिपरा मोथा-42 सीट
टीएमसी-28 सीट
निर्दलीय-58 सीट
टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का जन्म चार जुलाई, 1978 को दिल्ली में हुआ. वह त्रिपुरा के 185वें राजा किरीट बिक्रम किशोर देबबर्मा व महारानी बीहूबी कुमारी देवी के पुत्र हैं. उनकी पढ़ाई शिलांग में हुई हैं. प्रद्योत के पिता तीन बार लोकसभा के सदस्य और मां दो बार विधायक रह चुकी हैं. 2019 में कांग्रेस से अलग होने के बाद प्रद्योत ने ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग रखते हुए अलग पार्टी बना ली.
-60 में 36 सीटें जीत कर भाजपा ने वाममोर्चा के शासन किया था अंत
-20 जनजातीय सीटों में 18 सीटें मिलीं थीं भाजपा गठबंधन को
-43.59 % वोट भाजपा को, 42.22 प्रतिशत वोट माकपा को मिले थे
जानकारों की मानें नवगठित राजनीतिक दल ‘टिपरा मोथा’ के ‘किंगमेकर’ (सरकार गठन में अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी) के रूप में उभरने की संभावना है और इस चुनाव में उसका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन एवं कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन के साथ होगा.