ताउते तूफान के बाद देश में यास की चर्चा जोरों पर है. ये तूफान किन – किन जगहों पर असर करेगा, कबतक रहेगा ? तूफान की रफ्तार क्या होगी देश के किन राज्यों में असर पड़ेगा ? इसके अलावा दूसरे देशों पर इस तूफान का क्या असर पड़ेगा ? ऐसे कई सवाल हमारे मन में उठ रहे हैं तो आइये जानते हैं इस तूफान से जुड़ी सभी जरूरी बातें
एक निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण आज यानि 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर विक्षोभ में केंद्रित होने की आशंका जतायी गयी है. उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. भारतीय मौसम विभाग ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार चक्रवात यास के “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदलने की संभावना है. यह तूफान 26 मई को ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करेगा.
24 मई तक यह एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है . अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों को पार करने की बहुत संभावना है.
Also Read: कोरोना के नये वेरिएंट पर कितनी प्रभावी है वैक्सीन, जानें एक डोज में आपके कितने हैं सुरक्षित
तूफान कितना तेज होगा, कितना खतरनाक हो सकता है इसे लेकर मौसम विभाग ने जानकारी साझा की है इसके अनुमान के अनुसार 24 मई को दक्षिण बंगाल के कई जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा से हवा चलेगी. 25 मई की शाम तक हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है. 26 तारीख की दोपहर तक इसकी रफ्तार और बढ़ेगी जो बढ़कर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है.
पटना के मौसम विभाग के अनुसार तूफान के कारण राज्य के पूर्वी भाग में 24 मई से बारिश शुरू हो सकती है. 25 एवं 26 मई को पूरे प्रदेश में बारिश के आसार हैं. यास तूफान काफी नजदीक है तो बिहार के कई राज्यों में इसका असर हो सकता है. बिहार के कई जिलों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है.
यास तूफान का खतरा झारखंड पर भी मंडरा रहा है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस तूफान का असर सबसे ज्यादा होगा. दोनों राज्यों की सीमा से झारखंड सटा हुआ है, ऐसे में तूफान का असर यहां भी हो सकता है. झारखंड के धनबाद, बोकारो, दुमका, रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, जामताड़ा समेत विभिन्न जिलों में दिखेगा. झारखंड में तेज हवाओं के साथ- साथ बारिश की भी संभावना जाहिर की जा रही है.
नाम रखने के लिए नियम है कि इसमें WMO सदस्यों के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (NMHS) द्वारा प्रस्ताव दिया जाता है. इस प्रस्ताव पर सालाना या दो सालों में होने वाले सत्र में मुहर लगती है. उत्तरी हिंद महासागर में राष्ट्रों ने 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के यही प्रणाली अपनायी जाती है.
Also Read: देश में बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले, देश के 60 फीसदी मामले इन राज्यों से
‘यास’ तूफान का नामकरण ओमान ने किया है. इसका अर्थ होता है निराशा. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (WMO/ESCAP) पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (PTC) में 13 देशों के सदस्य इसका नाम रखते हैं. इस साइक्लोन के बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में आनेवाले तूफान का नाम गुलाब होगा जिसे पाकिस्तान ने तय किया है.
ताउते तूफान ने गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में तबाही मचायी है. उसने पूरे पश्चिमी तट पर तबाही के निशान छोड़े हैं. इसका असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और यहां तक कि पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी पड़ा. अप्रैल-मई और अक्टूबर-दिसंबर के महीने में तूफान आते हैं पिछले साल मई में दो चक्रवात- अम्फान और निसर्ग ने तबाही मचायी थी.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak